Bhopal : पहुंच से दूर पॉलीथिन के बड़े व्यापारी, ठेलों तक सिमटी कार्रवाई
भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रतिबंधित पॉलीथिन के खिलाफ राजधानी में अभियान ठेलों तक सिमटकर रह गया है। जबकि बड़े व्यापारी खुलेआम पॉलीथिन बेच रहे हैं, बल्कि बड़े-बड़े गोदामों में हर प्रकार की पॉलीथिन का स्टॉक भरा पड़ा है। यह बड़े व्यापारी नगर निगम की पहुंच से दूर नजर आ रहे हैं। बीते एक महीने की कार्रवाई का ही रिकार्ड बताता है कि निगम एक भी बड़े व्यापारी पर कार्रवाई नहीं कर सका। अगले एक महीने में स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 का सर्वे होना है, ऐसे में दिल्ली से आने वाली टीमों के सामने पॉलीथिन नजर आई तो निगम की किरकिरि हो सकती है।
दरअसल राजधानी को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए बीते तीन महीने से अभियान चलाया जा रहा है। नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी ने सभी 19 जोन के प्रभारी एएचओ को सख्त निर्देश दिए हैं कि उनके इलाके या बाजार में पॉलीथिन नजर नहीं आना चाहिए। कमिश्नर के निर्देश पर सभी प्रभारी एएचओ हर दिन छोटे-छोटे दुकानदारों पर पॉलीथिन की बिक्री को लेकर कार्रवाई कर रहे हैं। लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ हाथ ठेलों तक सिमट कर रह गई है। रोजाना किलो-दो-किलो ही पॉलीथिन जब्त करने में निगम कामयाब हो रहा है। जबकि शहर के बड़े व्यापारियों के पास खुलेआम पॉलीथिन की बिक्री जारी है।
इन इलाकों में अधिक बड़े व्यापारी :
शहर में सबसे अधिक पॉलीथिन के बड़े व्यापारी पुराने शहर में हैं। खासकर जोन 4 अंतर्गत आने वाले बाजारों में पॉलीथिन आसानी से खरीदी जा सकती है। इसके अलावा जोन 4 के ही कबाड़खाना में बड़े-बड़े गोदामों से पॉलीथिन बिक रही है। दूसरे ठिकाने पिपलानी और जहांगीराबाद है, जहां बड़ी मात्रा में पॉलीथिन की बिक्री हो रही है।
एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक हो जाएगी पूरी तरह बैन :
इधर मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं का निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, विक्रय और उपयोग प्रतिबंधित करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। बीते महीने की 18 फरवरी को पीयूसी नोटिफिकेशन जारी कर चुका है। पब्लिक नोटिफिकेशन के तहत प्लास्टिक स्टिक सहित ईयर बड्स, बैलून में उपयोग होने वाले प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आईस्क्रीम स्टिक, सजावट में उपयोग होने वाले थर्मोकोल, प्लास्टिक प्लेट्स, कप, गिलास, फोर्क, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, स्वीट बाक्स, निमंत्रण पत्र, सिगरेट पैकेट को कव्हर करने वाली पैकिंग फिल्म, प्लास्टिक स्टिर्रस और 100 माईक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक व पीबीसी के बैनर अब बाजारों में नजर आए तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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