भोपाल मास्टर प्लान ड्राफ्ट 2031 पर ऑनलाइन सुनवाई
भोपाल मास्टर प्लान ड्राफ्ट 2031 पर ऑनलाइन सुनवाई RE-Bhopal

Bhopal Master Plan Draft: आसपास कई निर्माण, कैचमेंट एरिया में कर दी सैंकड़ों एकड़ जमीन, कीमत हो जाएगी जीरो

Bhopal News: भौंरी के ही राकेश सिंगरौली ने आधे से अधिक गांव की जमीन को बड़ा तालाब के कैचमेंट में शामिल करने के प्रस्ताव को औचित्यहीन करार दिया।
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हाइलाइट्स :

  • कई गांवों की लगभग एक हजार एकड़ जमीन को कैचमेंट में दर्शाया गया।

  • भूस्वामियों ने मास्टर प्लान ड्राफ्ट पर ऑनलाइन सुनवाई में दर्ज करवाई अपनी आपत्तियां ।

  • ऑनलाइन सुनवाई दोपहर करीब 12.30 से तीन बजे तक बंद रही।

भोपाल, मध्यप्रदेश । तीन पीढिय़ों से जिस जमीन पर खेती-किसानी हो रही है, उसके आसपास अस्पताल, कॉलोनी और संस्थान बन गए हैं। इस जमीन को ही तालाब के कैचमेंट एरिया में दिखा दिया है। इससे भूमि की उपयोगिता ही खत्म हो जाएगी। कीमत जीरो हो जाएगी। कैचमेंट एरिया के लिए प्रस्तावित करने से पहले की तरह अवैध कॉलोनियां बन जाएंगी। भौंरी, जमुनिया छीर समेत कई गांवों के कृषकों और भूस्वामियों ने सोमवार को मास्टर प्लान ड्राफ्ट पर ऑनलाइन सुनवाई में यह बात कही। सभी ने इसे यथावत कृषि, पीएसपी या आवासीय करने की मांग की।

रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी जीपी माली ने सुनवाई में कहा कि भौंरी बायपास के उत्तर पूर्व की ओर की अधिकांश भूमि को कैचमेंट एरिया में प्रस्तावित किया गया है। एक अस्पताल और नर्सिंग कॉलेज के बीच स्थित जमीन पर 100 साल से खेती हो रही है। इसे जलग्रहण क्षेत्र में कर दिया। ध्यान देने लायक बात यह है कि नगर निगम हाउसिंग फॉर ऑल के तहत भौंरी में मकान बना रहा है। इसकी बाउंड्री वॉल से सटी भूमि को ही कैचमेंट एरिया में कर दिया। पूछा कि यह दोहरा रवैया क्यों अपनाया जा रहा है।

भौंरी के ही राकेश सिंगरौली ने आधे से अधिक गांव की जमीन को बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया में शामिल करने के प्रस्ताव को औचित्यहीन करार दिया। बताया कि बरखेड़ा नाथू, पोलीघौड़ी समेत कई गांवों की लगभग एक हजार एकड़ जमीन को कैचमेंट में दर्शाया गया है। इसे जलग्रहण क्षेत्र से बाहर और पहले की तरह कृषि किया जाए। कांग्रेस नेता गोविंद गोयल की ओर से उनके बेटे वेंकटेश ने कहा कि बड़ा तालाब के फुल टैंक लेवल से काफी दूरी पर सात एकड़ जमीन है। शासन की ओर से जारी ड्राफ्ट में इसे कैचमेंट एरिया में शामिल किया जा रहा है। इससे हमारी जमीन की कोई कीमत ही नहीं बचेगी। आसपास स्कूल, अस्पताल, कॉलोनी बन गईं। सभी को वैध कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि हम भी बिल्डर होते तो वहां कुछ निर्माण कर लिया होता। इसी तरह की आपत्ति रिटायर्ड आईपीएस आईपी कुलश्रेष्ठ की ओर से की गई। कहा कि जमुनिया छीर में एफटीएल से काफी दूर स्थित भूमि को कैचमेंट में दिखाया जाना अविवेकपूर्ण है। इससे वहां अवैध निर्माण होंगे। उन्होंने पूछा कि इसे कैचमेंट में किया जा रहा है तो वहां 18 मीटर चौड़ी सड़क बनाने का प्रस्ताव क्यों किया गया है।

ढाई घंटे बंद रही सुनवाई

ऑनलाइन सुनवाई दोपहर करीब 12.30 से तीन बजे तक बंद रही। बताया जा रहा है सुनवाई कर रहे नगरीय विकास विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी वीएस चौधरी कोलसानी को कहीं आवश्यक कार्य से जाना था। इस वजह से सुनवाई नहीं हो सकी। अधिकांश आपत्तियां दोपहर तीन बजे के बाद सुनी गईं।

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