हाइलाइट्स :
मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का
लोकायुक्त ने क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक को रिश्वत लेते पकड़ा
बदमाश को झूठे केस में फंसाने की दे रहा था धमकी
चिनार पार्क के पास ठंडी सड़क का मामला
इस मामले में चल रही कार्रवाई
राज एक्सप्रेस। सुरसा के मुँह की तरह बढ़ती जा रही हे रिश्वतखोरी, मध्यप्रदेश का ताजा मामला भोपाल से सामने आया है , भोपाल में क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक महेंद्र सिंह को लोकायुक्त की टीम ने 6 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा।
बढ़ते जा रहे हैं रिश्वत लेने के मामले
प्रदेश में रिश्वत लेने के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, ऐसा ही एक और मामला भोपाल से सामने आया है, बीती रात लोकायुक्त की टीम ने क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक महेंद्र सिंह को 6 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा है।
आरोप है कि
वह फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर दस हजार रुपए की मांग कर रहा था। जिसकी शिकायत फरियादी ने बीती दो दिसंबर को लोकायुक्त संगठन में की थी। लोकायुक्त पुलिस ने महेंद्र के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार फरियादी खालिद कुरैशी बिसमिल्लाह कॉलोनी ऐशबाग मीट शॉप का संचालन करता है। उसने 2 नवंबर को लोकायुक्त को लिखित शिकायत के माध्यम से बताया था कि, क्राइम ब्रांच का प्रधान आरक्षक महेंद्र सिंह प्रतिबंधित मीट की तस्करी के फर्जी मामले में फंसाकर 10 हजार रुपए की मांग कर रहा है। महेंद्र ने एक महिला के माध्यम से ऐसी खबर उस तक पहुंचाई है। बात नहीं मानने पर जिन्दगी बरबाद करने की धौंस दे रहा है।
ऐसे लोकायुक्त के जाल में फंसा आरोपी
महेंद्र ऐशबाग में पदस्थ था। शिकायत के आधार पर लोकायुक्त की टीम ने बीती रात रंग लगे हुए नोट फरियादी खालिद कुरैशी को दिए थे। जिसके बाद महेंद्र से फरियादी ने बात की उसने रकम लेकर पीड़ित को क्राइम ब्रांच के दफ्तर के पास एमपी नगर स्थित पेट्रोल पंप पर बुलाया। फरियादी रकम लेकर वहां इंतजार करता रहा। इसी दौरान महेंद्र सफेद रंग की स्विफ्ट कार से पंप पर पहुंचा, वहां रुके बिना पीछे आने का इशारा करते हुए आगे चला गया। महेंद्र ने चिनार पार्क के पास ठंडी सड़क पर गाड़ी को रोका। फरियादी के पीछे लोकायुक्त टीम भी चल रही थी। पीड़ित ने वहां उसे 6 हजार की नकदी दी, तब महेंद्र उसे 4 हजार और देने के लिए धमकाने लगा। इसी बीच टीम ने उसे ट्रेप कर लिया।
क्राइम ब्रांच में आने के बाद कई विवादों में घिरा पर अधिकारियों का चहेता होने कारण बचता रहा। क्राइम ब्रांच में ही उस पर जिया नाम के एक बदमाश से वसूली के आरोप लगे। जिसकी जांच चल रही है। इस मामले में उसके एक साथी को लाइन अटैच किया गया था। पिछले दिनों अलग-अलग वसूली की शिकायतों के चलते क्राइम ब्रांच के कुल आठ पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया।
"आधिकारिक जानकारी मिलते ही महेंद्र को सस्पेंड किया जाएगा। लोकायुक्त द्वारा उसे रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने की सूचना मिली है"
इरशाद वली, डीआईजी भोपाल
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