Bhopal: कोलार थाना प्रभारी और क्राइम ब्रांच के हवलदार पर चार लाख रुपए लेने का आरोप, मांगा स्पष्टीकरण
भोपाल। कोलार थाना प्रभारी जय कुमार सिंह और क्राइम ब्रांच के हवलदार सलमान पर चार लाख रुपए लेने का आरोप लगा है। पुलिस कर्मियों ने यह रकम पीडि़त से व्यापमं के एक मामले में नाम बाहर निकलवाने के नाम पर वसूली थी। रकम देने के एक महीने बाद भी जब पीडि़त को कोई ठोस जवाब नहीं मिला तो उसने पुलिस कर्मियों से संपर्क किया लेकिन वे टालमटोल करते रहे। इसके बाद उसने इस संबंध में आला अफसरों से शिकायत की थी। इसके बाद उनकी विभागीय जांच शुरू हो गई। हैरत की बात यह है कि एक थाना प्रभारी की विभागीय जांच चल रही थी, लेकिन उसे ना तो लाइन अटैच किया गया है और न ही आफिस में अटैच किया गया। ऐसे में पुलिस कमिश्रर सिस्टम में अधिकारियों की लापरवाही उजागर होती है।
वर्तमान में दोनों पुलिस कर्मियों पर विभागीय जांच स्थापित हो चुकी है। अब उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। जानकारी के मुताबिक, चंबल जोन निवासी कोचिंग संचालक ने चार लाख रुपए वसूलने के संबंध में शिकायत की थी। उसने अपनी शिकायत में बताया था कि दिसंबर 2022 में उसे बताया गया कि व्यापमं के एक मामले में तुम्हारा नाम आया है। यदि मामले से नाम निकलवाना हो तो संपर्क करना। मैं नाम बाहर निकलवा दूंगा। डर के मारे वह एमपी नगर आया, जहां उससे क्राइम ब्रांच के हवलदार सलमान ने कुछ पैसे लिए। इसके बाद उसे कोलार थाने ले गए। जहां उससे एसआई जय कुमार ने केस से नाम बाहर निकलवाने के नाम पर पैसे मांगे। इस तरह उसने हवलदार और एसआई को चार लाख रुपए नकद देना बताया। इसके बाद वह चला गया। एक महीने तक जब कुछ अपडेट नहीं मिला तो उसने पुलिस कर्मियों से संपर्क किया, लेकिन किसी ने उसे भाव नहीं दिया। टालमटोल करते रहे।
मोबाइल में देख लिया था नाम
इस मामले की जांच सायबर क्राइम एसीपी सुजीत कुमार तिवारी ने की। पीडि़त के पास पैसा देने का कोई सबूत नहीं था, लेकिन उसके द्वारा बताए गए घटनाक्रम को जांच अधिकारी जोड़ते चले गए। पीडि़त ने बताया कि दोनों पुलिस कर्मियों ने उससे डायरेक्ट पैसे नहीं लिए। एसआई जय कुमार सिंह ने क्राइम ब्रांच के हवलदार सलमान को फोन लगाने को कहा था। यह कॉल एसआई ने खुद अपने मोबाइल से न लगाकर उसके मोबाइल से लगवाया था। इसी तरह जब सलमान ने एसआई से मोबाइल पर बात की थी तो उसके मोबाइल पर जय कुमार सिंह लिखकर आया था। ऐसा पीडि़त ने अपने बयानों में बताया है।
अड़ीबाजी के मामले में पटेल को किया था लाइन अटैच
दिसंबर 2022 में जब यह मामला सामने आया था तब जय कुमार कोलार थाने में एसआई के पद पर कार्यरत थे। थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल थे। पीडि़त ने अपनी शिकायत में सिर्फ जय कुमार और सलमान का नाम ही बताया है। दो सिपाहियों द्वारा अड़ीबाजी के मामले में चंद्रकांत पटेल को फरवरी माह में लाइन अटैच किया गया था। इसके बाद जय कुमार को थाना प्रभारी बना दिया गया। जब जय कुमार की विभागीय जांच चल रही थी तो ऐसे में उन्हें थाना प्रभारी के पद से हटाकर लाइन अटैच या आफिस में अटैच किया जाना था, लेकिन इस ओर अफसरों ने ध्यान हीं नहीं दिया और जय कुमार आज भी कोलार थाना प्रभारी हैं।
इनका कहना है
आरोप पत्र बनाकर दे दिया है। एडिशनल डीसीपी से आगे की जांच करवाएंगे। मामले में दोनों पुलिस कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
श्रुतकीर्ति सोमवंशी, डीसीपी क्राइम
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।