राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/ निकाह योजना के तहत एक ऐसे प्री वेंडिग शूट को जोड़ा है। जिसमें योजना के तहत लाभार्थी को एक फॉर्म भरना होगा और दूल्हें को यह बताना होगा कि उसके घर टॉयलेट है।
योजना को स्वच्छता अभियान से जोड़ाः
इस योजना को स्वच्छता अभियान से जोड़ते हुए इसके लिए दूल्हें को अपने घर के टॉयलेट के साथ सेल्फी लेनी पड़ती है जिसे फॉर्म के साथ जमा करना होता है।सरकारी अधिकारी हर घर में जाकर टॉयलेट है या नहीं चेक नहीं कर सकते इसके लिए टॉयलेट में सेल्फी की मांग करते हैं।
" टॉयलेट सेल्फी नहीं तो शादी भी नहीं:
आयोजित विवाह समारोह में अपनी बात रखते हुए भोपाल निवासी एक जोड़े ने बताया कि, मुझे कहा गया कि जब तक मैं फोटो नहीं दूंगा तब तक काजी निकाह नहीं पढ़ेगे। कल्पना की जा सकती है कि शादी के प्रमाण पत्र में भी दूल्हें की टॉयलेट वाली सेल्फी कैसी लगेगी?
सोशल जस्टिस विभाग ने माना गलत चीज नहीं:
इस मामले पर सोशल जस्टिस और डिसेबल्ड वेलफेयर विभाग के प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया का कहना है कि, दूल्हों द्वारा ये साबित करना कि उनके घर में टॉयलेट है या नहीं को गलत चीज नहीं है। सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट ने ऐसा कोई भी निर्देश जारी नहीं किया है। नीति को लागू करने का तरीका और बेहतर तरीके से हो सकता है।
सरकार ने योजना के तहत मिलेंगे 51000 रुपयेः
इस योजना के तहत वर्तमान सरकार ने लाभार्थी को मिलने वाली राशि को 28,000 से बढ़ाकर 51,000 रुपये कर दिया। यह योजना मूलतः आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को लाभ देने के लिए चलाई जा रही है।
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