Bhopal: Bjp पार्षद ने सदन छोड़ा, कहा मुझे नहीं रहना पार्षद- अध्यक्ष ने बनाई जांच कमेटी - 3 बार परिषद स्थगित
भोपाल। गुरूवार को नगर निगम की परिषद बैठक हंगामेदार रही। बैठक शुरू होते ही संबल योजना से जुड़ एक जानकारी पर अध्यक्ष और महापौर के बीच नोकझोंक हो गई। जब महापौर ने पलटकर जवाब दिया तो अध्यक्ष ने आधे घंटे के लिए परिषद स्थगित करते हुए नाराजगी के साथ आसंदी छोड़ दी। वापस बैठक शुरू होते ही बीजेपी के पार्षद ने निगम अधिकारियों पर सुनवाई न करने सहित अपने वार्ड की नालियों में कम तो कहीं ज्यादा लोहे के इस्तेमाल की शिकायत के बाद परिषद छोड़ दी। पार्षद ने यहां तक कह दिया कि मुझे नहीं रहना पार्षद। इस घटना के बाद विपक्षी दल के पार्षद महापौर के इस्तीफे पर अड़ गए और आसंदी घेर ली। अपने तय समय से पौन घंटा देरी से शुरू हुई बैठक में हंगामे होते रहे।
नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने संबल योजना के प्रकरणों की महापौर से जानकारी मांगी। लेकिन महापौर ने एमआईसी मेंबर मनोज राठोर के माध्यम से जानकारी देने की बात कही। परिषद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने भी महापौर को बोलने के लिए कहा, लेकिन महापौर ने इंकार करते हुए एमआईसी मेंबर को खड़ा कर दिया। इससे नाराज अध्यक्ष ने भी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि वक्तव्य तो आपको ही देना पड़ेगा और अध्यक्ष ने आधे घंटे के लिए बैठक स्थगित कर दी। बैठक दोबारा शुरू हुई, लेकिन महापौर का वक्तव्य नहीं आया। निगम का दावा, संबल में जांच नहीं, संदिग्ध प्रकरण हैं दरअसल नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने संबल योजना में वर्ष 2018 से की फाईलों की जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में निगम लिखित में कहा कि अब तक 1606 प्रकरण आए।
जिसमें से 90 प्रकरण की नस्ती संदिग्ध नजर आई। हालांकि इसमें से भी जोनल अधिकारियों ने 37 प्रकरण की नस्ती दे दी है। जिसकी जांच चल रही है। निगम की कार्यप्रणाली पर बीजेपी पार्षद ने उठाए सवाल प्रश्नकाल शुरू होने से पहले वार्ड 12 से बीजेपी के पार्षद देवेन्द्र भार्गव ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुझे पार्षद बने हुए एक साल हो गया। लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि निगम अधिकारी नहीं सुन रहे। ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए काम हो रहे हैं।
उन्होनें वार्ड में 200 मीटर की नाली निर्माण में 24 क्विंटल और 255 मीटर की नाली में 75 क्विंटल लोहे के इस्तेमाल की जानकारी दी। इसके अलावा बीसीएलएल के एक बस स्टॉप का मुद्दा भी उठाया। हालांकि इस आरोप पर एमआईसी मेंबर मनोज राठौर ने कहा कि बस स्टॉप की जगह देवेन्द्र भार्गव ने ही बताई थी और यह बस स्टॉप आर्क आउटडोर मीडिया प्रा.लि कंपनी बना रही थी। लेकिन जगह को लेकर विवाद सामने आया है, इसलिए काम रूका है। देवेन्द्र भार्गव ने कहा कि अधिकारी हमें चोर-बेईमान साबित करना चाहते हैं, इसलिए ऐसी परिषद में नहीं रहना चाहता।
पार्षद ने अध्यक्ष को एक पत्र भी लिखा और सदन छोड़ दिया। इस घटना के बाद अध्यक्ष ने बैठक 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी और दूसरे पार्षद देवेन्द्र भार्गव को मनाने में लग गए। महापौर के इस्तीफे पर अड़ा विपक्ष, घेरी आसंदी पार्षद देवेन्द्र भार्गव के परिषद छोड़ते ही विपक्षी दल के कांग्रेस पार्षद आक्रामक हो गए और अध्यक्ष की आसंदी घेर ली। विपक्ष काफी देर तक महापौर के इस्तीफे पर अड़ा रहा। इसी दौरान बीजेपी पार्षदों ने भी आसंदी घेर ली और विपक्ष पर गुंडागर्दी के आरोप लगाए। हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने बैठक स्थगित कर दी।
अध्यक्ष ने बनाई जांच कमेटी
बीजेपी पार्षद के आरोपों पर परिषद अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने जांच कमेटी बना दी है। जिसमें पार्षद देवेन्द्र भार्गव के अलावा संबंधित विभाग के एमआईसी मेंबर, अपर आयुक्त और यांत्रिक विभाग के चीफ इंजीनियर को लिया गया है। यह कमेटी 15 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। बहुमत से प्रस्ताव पास अयोध्या नगर स्थित सरयू सरोवर पार्क को पीपीपी मोड पर देने के लिए आधा-अधूरा प्रस्ताव लाया गया। विपक्ष ने इस पर आपत्ति भी जताई, लेकिन बहुमत के आधार पर प्रस्ताव पास हो गया।
वहीं दूसरा प्रस्ताव शहर के खाली मैदान में होने वाले आयोजनों से सॉलिड वेस्ट फीस लेने का था। सभी से इस पर सुझाव लिए गए। अंत में प्रस्ताव पास हो गया। प्रस्ताव के मुताबिक 25 हजार वर्गफिट के मैदान पर 1 हजार रूपए, एक एकड़ तक के मैदान पर 2500 और इससे बड़े मैदान पर 5 हजार रूपए रोजाना सॉलिड वेस्ट फीस लगेगी। इसके अलावा आनंद नगर तिराहा से पटेल नगर इस्कॉन मंदिर के रोड का नाम अब प्रमुपाद मार्ग हो गया है।
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