उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन तडक़े होने वाली भस्म आरती में क्षमता से 50 प्रतिशत दर्शनार्थियों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव की अध्यक्षता में सर्किट हाऊस में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में बताया गया कि अगले सप्ताह से भस्म आरती में दर्शनार्थियों को क्षमता का 50 प्रतिशत प्रवेश दिया जाएगा, जबकि भस्म आरती में दर्शनार्थियों का गर्भगृह एवं नन्दी हॉल में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। भस्म आरती में प्रवेश ऑनलाइन बुकिंग से ही रहेगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रोटोकॉल व्यवस्था से दर्शन करने वाले प्रत्येक दर्शनार्थियों को 100 रुपए की रसीद कटवानी होगी। इसके अलावा बैठक में श्री महाकालेश्वर भगवान की 6 सितंबर को निकलने वाली शाही सवारी के सम्बन्ध में चर्चा की गई। चर्चा के दौरान निर्णय लिया गया कि श्री महाकालेश्वर की शाही सवारी परिवर्तित मार्ग से निकाली जाए। पुजारी एवं कहारों के माध्यम से सवारी भव्यता से निकाली जाएगी। कोविड प्रोटोकॉल के कारण आमजन सवारी में नहीं रह सकेंगे। सवारी में पुलिस बैंड अपनी सेवा देगा।
विभिन धार्मिक पर्व मनाने के लिये पूर्व की भांति कोविड-19 गाईड लाइन का पालन किया जायेगा। सभी प्रकार के धार्मिक चल समारोह, जुलूस, रैली इत्यादि प्रतिबंधित रहेंगे। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक समारोह का आयोजन नहीं होगा। इस तरह के आयोजन केवल धार्मिक स्थानों /परिसर के अंदर किये जा सकेंगे।
इस बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया वर्चुअल रूप में उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त विधायक पारस जैन, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
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