ग्वालियर : जो काम कांग्रेस अध्यक्ष को करना चाहिए वह कर रहे बालेन्दु
ग्वालियर, मध्य प्रदेश। उप चुनाव को देखते हुए कांग्रेसियों को जोड़ने का काम किया जाना चाहिए, लेकिन शहर कांग्रेस अध्यक्ष इसमें रुचि न दिखाते हुए विरोध करने वालो को हवा देने का काम कर रहे हैं। वहीं कांग्रेसियों को जोड़ने के लिए पूर्व मंत्री बालेन्दु शुक्ला हर इलाके में जाकर बैठके कर रहे हैं और अपने पुराने संबंधो के कारण कांग्रेसियो को घर से निकालकर पार्टी हित में जोड़ रहे हैं।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने एक कांग्रेसी को बिना कुछ किए पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया, लेकिन टिकट के दावेदार ने मंगलवार को जिस तरह से कांग्रेस दफ्तर पर कमलनाथ मुर्दाबाद के नारे लगाएं उसके बाद भी संबंधित पर कार्यवाही करने की जगह प्रदर्शन करने वालों से ज्ञापन लेकर यह जताया गया कि विरोध में हमारी भी सहमति है। विरोध करने वाले कांग्रेस दफ्तर के अंदर अगर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाता है तो संबंधित के खिलाफ तत्काल कार्यवाही करना चाहिए थी। कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि जो लोग अपना टिकट फायनल मान कर चल रहे हैं वह गलतफहमी में हैं, क्योंकि किसी को एक कार्यक्रम करने से टिकट नहीं मिल जाता। कांग्रेस दफ्तर पर जो महिलाएं विरोध करने के लिए आई थी उनको भेजा गया था और वह भी ऐसी गाड़ी से जिस पर एक दावेदार के पोस्टर लगे हुए थे, लेकिन जैसे ही मीडिया ने उक्त गाड़ी को कैमरे में कैद किया तो महिलाएं उस गाड़ी से उतर कर टेंपो पर सवार होकर निकल गई। यह नजारा शहर कांग्रेस अध्यक्ष के सामने हुआ लेकिन उन्होंने विरोध करने वालो को रोका तक नहीं। वहीं बालेन्दु शुक्ला जब से कांग्रेस मेे वापिस लौटे हैं तभी से वह कांग्रेस को मजबूत करने के लिए लगातार पुराने कांग्रेसियो से संपर्क करने के साथ ही कई मौहल्लो मे जाकर बैठके कर रहे है, जबकि यह काम शहर कांग्रेस अध्यक्ष को करना चाहिए था।
कांग्रेस को मजबूत करने पुरानी पीढ़ी सक्रिय :
प्रदेश मेे कांग्रेस सरकार गिराने वाले कांग्रेस विधायकों के खिलाफ पुरानी पीढ़ी के कांग्रेसी सक्रियता से काम कर रहे हैं। जब सिंधिया भाजपा में पहुंचे को पूर्व मंत्री बालेन्दु शुक्ला ने तत्काल भाजपा छोड़ कांग्रेस में वापिस चले गए थे, क्योंकि सिंधिया के कारण ही शुक्ला ने कांग्रेस छोड़ी थी। अब पुराने कांग्रेसी बालेन्दु शुक्ला, भगवान सिंह यादव, पूर्व सांसद रामसेवक बाबूजी एवं मुरारीलाल दुबे खासे सक्रिय हो गए है और उप चुनाव वाले क्षेत्र ग्वालियर पूर्व व ग्वालियर विधानसभा में बैठके कर पुराने कांग्रेसियों को जोड़ने के लिए लगे हुए हैं। जबकि कांग्रेस को मजबूत करने एवं पार्टी से लोगों को जोड़ने का काम शहर कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी है।
अब कुछ ओर भाजपा नेताओं पर निगाह :
भाजपा के वरिष्ठ नेता सतीश सिकरवार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा के बड़े नेता भले ही इस पार्टी के लिए झटका नहीं मानते, लेकिन हकीकत इससे विपरीत है। कांग्रेस की निगाह अब कुछ नाराज भाजपा नेताओं पर है जिसमें पूर्व मंत्री भी शामिल है। सूत्र का कहना है कि कांग्रेस की निगाह अब पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, अनूप मिश्रा एवं लाल सिंह आर्य पर है, क्योंकि यह तीनों ही भाजपा की राजनीति से पूरी तरह से कटऑफ कर दिए गए हैं, लेकिन जब कुछ कार्यक्रमो में उनको महत्व मिलता है तो वह कहने लगते है कि हम तो भाजपा में ही रहेगें। उप चुनाव का समय है और भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस ने भी अपने रणबाकुरे रणक्षेत्र में ऐसे ही भाजपा से असंतुष्ट नेताओं पर लगी हुई है।
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