जबलपुर : आयुर्वेद चिकित्सक संगठनों द्वारा आईएमए के आरोपों का जताया विरोध

जबलपुर, मध्य प्रदेश : आयुर्वेद के लिए जारी हुए नोटिफिकेशन को लेकर विरोध दर्ज करा रहे आईएमए को लेकर आयुर्वेद एसोसिएशन एक हो गया है। जगह-जगह करेंगे विरोध, प्रेसवार्ता में दी जानकारी।
आयुर्वेद चिकित्सक संगठनों द्वारा आईएमए के आरोपों का जताया विरोध
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जबलपुर, मध्य प्रदेश। आयुर्वेद के लिए जारी हुए नोटिफिकेशन को लेकर विरोध दर्ज करा रहे आईएमए को लेकर आयुर्वेद एसोसिएशन एक हो गया है। जिसके तहत नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन, विश्व आयुर्वेद परिषद, एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल आयुर्वेद प्रैक्टिसनर, एसोसिएशन ऑफ मॉर्डन आयुष डॉक्टर ने प्रेसवार्ता आयोजित कर आईएमए का विरोध जताया। प्रेसवार्ता के दौरान डॉ राजेश मिश्रा, डॉ कल्याण सिंह ठाकुर, डॉ कमलेश गुप्ता, डॉ सुमित कुमार श्रीवास्तव, डॉ आकाश गुप्ता, डॉ एस ए खान एवं डॉ जय साहू, डॉ महबूब अहमद खान, डॉ शैलेष चौहान आदि उपस्थिति रहे।

प्रेसवार्ता के दौरान आयुर्वेद चिकित्सक संगठनों द्वारा आईएमए के आरोपों का खंडन करते हुआ बताया कि सी सी आई एम द्वारा हाल ही में प्रकाशित राजपत्र के अनुसार आयुर्वेद में शल्य जनरल सर्जरी और शालाक्य इ एन टी के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर्स को 58 शास्त्र क्रियाएं करने की कानूनी इजाजत प्रदान की गयी है। आईएमए ने देशभर में इसका विरोध शुरू किया है। सीसीआईएम द्वारा प्रकाशित इस राजपत्र में शास्त्रक्रियाओं की व्याप्ती स्पष्ट की गयी है और पुराने नोटिफिकेशन्स का स्पष्टीकरण किया गया है। इसमें नया कुछ नहीं है। आयुर्वेद के इन विषयों के पोस्ट ग्रेजुएट्स काफी पहले से ये शास्त्रक्रिया कानूनी तौर पे करते आये हैं। आई एम ए इस राजपत्र को जानबूझकर विरोध जताकर शल्य और शालाक्य में पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले शिक्षित और प्रशिक्षित डॉक्टर्स की पढ़ाई और ज्ञान पर संदेह करने का काम कर रही है और ये बात बहुत ही निंदनीय है।

नीमा संगठन ने राजपत्र का किया स्वागत :

देश का सबसे बड़ा संगठन निमा और सभी आयुर्वेद संगठन इस राजपत्र का स्वागत करता है और इस राजपत्र के लिये सीसीआयएम और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करता है। इस राजपत्र के प्रकाशन के पश्चात आईएमए द्वारा आयुर्वेद शास्त्र और आयुर्वेद के डॉक्टर्स को बदनाम करने का कार्य शुरू किया गया है, लेकिन नीमा सच सामने लाकर रहेगा। मॉडर्न सर्जरी के जनक के रूप मे आचार्य सुश्रुत को पूरी दुनिया ने माना है। अनेक आयुर्वेदिक ग्रंथों में पुराने समय में भी हजारों साल पहले अनेक मुश्किल सर्जरी सफ लतापूर्वक किये जाने के प्रमाण मिले हैं।

आईएमए कर रहा है झूठा प्रचार :

आय एम ए आयुष डॉक्टर्स को अनाड़ी दिखाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन आयुर्वेद शाखा को एडमिशन नीट परीक्षा उत्तीर्ण होने के पश्चात ही मिलता है, एमबीबीएस की तरह साढ़े चार साल का बीएएमएस की पढ़ाई होती है। इसके दौरान एनाटॉमी, फिजिओलॉजी, पीएसएम, सर्जरी, बालरोग, नेत्ररोग, स्त्रीरोग, मेडिसिन, ईएनटी आदि सारे विषय विस्तार से सिखाये जाते हैं, मानव शरीर पर डिसेक्शन भी सिखाया जाता है। साढ़े चार साल पढ़ाई करने के बाद परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद एक साल का इंटर्नशिप पूरा करने वाला डॉक्टर डिग्री प्राप्त करता है और प्रॅक्टिस करने के पात्र होता है। आईएमए ये दिखाने की कोशिश कर रहा है की सिर्फ बीएएमएस करने वाला डॉक्टर शस्त्रक्रिया करेगा, लेकीन ये झूठा दुष्प्रचार है।

आईएमए के विरोध में नीमा पूरे देश में करेगा कार्यक्रम :

बीएएमएस की पढ़ाई पूरी करनेके बाद पीजी एटरन्स एक्साम पास होने के बाद 3 साल का पोस्ट ग्रेज्युएट कोर्स होता है, जिसमें सर्जरी का पूरा टिचिंग और ट्रेनिंग दिया जाता है और ये पोस्ट ग्रेज्युएट कोर्स पूरा करने वाले डॉक्टर ही सर्जरी करते है। लेकिन आईएमए हमेशा इस बारे में दुष्प्रचार करके आम जनता को भ्रमित करने की कोशिश करता आया है। नीमा इसका पुरजोर विरोध करता है। आईएमए ने इस गॅझेट नोटिफिकेशन का विरोध करने के लिये देश में आंदोलन करने की सूचना दी है। इस आंदोलन का पूरे देश में निमा की तरफ से विरोध किया जायेगा। आईएमए ने 8 और 11 दिसम्बर को विरोध जताने के लिये कुछ कार्यक्रम निश्चित किये है, उसके जवाब मे निमा ने पूरे देश में कई कार्यक्रम करेगा।

देश के बड़े संगठन नीमा ने तैयार की है यह बड़ी रणनीति :

  • 11 दिसम्बर को आईएमए ने आरोग्य सेवाएं रोकने का ऐलान किया है, उस दिन पूरे भारत के सभी आयुष क्लीनिक्स सुबह से रात तक पूरी तैयारी से शुरू रहेंगे। देश की आरोग्य व्यवस्था में कोई कमी नहीं आने देंगे।

  • यह राजपत्र प्रकाशित करने के लिये केंद्र शासन, आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय का आभार प्रकट करके सरकार को पूरा समर्थन प्रदान करेंगे। सरकार का शुक्रिया अदा करने वाला ज्ञापन हर जगह से सरकार तक पहुंचाएंगे।

  • आईएमए के विरोध में नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन, विश्व आयुर्वेद परिषद, एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल आयुर्वेद प्रैक्टिसनर और एसोसिएशन ऑफ मॉर्डन आयुष के डॉक्टर्स है और सरकार की तरफ से देश में इंटेग्रेशन को बढावा देने के विरोध प्रदर्शन में कोई भी आय एसएम डॉक्टर शामिल नहीं होगा।

  • आईएमए द्वारा किये जा रहे दूष्प्रचार का जवाब देकर जनता के सामने सच्चाई रखी जायेगी।

  • सरकार के निकाले हुये गॅझेट नोटिफिकेशन के समर्थन मे नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन सहित सभी आयुर्वेद संगठन आदर भावना एवं धन्यवाद देने के लिये 11 दिसम्बर को पूरे भारत के आयुष डॉक्टर्स पिंक रिबन बांधकर दिनभर सेवाये देंगे।

  • आयुष डॉक्टर्स की अधिकारों की रक्षा के लिये आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के सभी संगठन प्रतिबद्ध हैं और हमेशा रहेंगे।

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