मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रहीं एटीएम लूट की घटनाएं, SBI की सुरक्षा पर क्यों उठ रहे सवाल ?
मध्यप्रदेश। प्रदेश में लगातार एटीएम से कैश वारदात सामने आ रही है और ये एटीएम खासकर SBI के होते हैं। अन्य बैंकों की तुलना में SBI के एटीएम में ज्यादा ऐसी वारदातों को अंजाम दिया जाता है। जिसकी वजह से अब SBI के एटीएम की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मध्यप्रदेश में वारदातों को सिलसिले वार देखने पर सामने आया कि कैश लूटने की वारदात करने वाला गिरोह सबसे ज्यादा SBI के एटीएम पर फोकस करता है। इसके कुछ बिंदु सामने आये हैं। बता दें कई जिलों से ऐसे मामले सामने आये हैं, जिनमे सिक्योरिटी गार्ड मौजूद नहीं होने की वजह से लूटेरे बैंक या एटीएम से आसानी से कैश लूटकर गए हैं।
सिंगल कोड मेटल होता है SBI के एटीएम में :
एटीएम से कैश लूटने की वारदातों में एसबीआई के एटीएम का सबसे पहले नंबर आता है। कैश लूटने वाले बदमाशों से पूछताछ के दौरान सामने आया कि लूटने वालो का पहला फोकस एसबीआई के एटीएम पर होता है, क्योंकि उसके एटीएम की सिक्योरिटी को तोडना अन्य बैंक के एटीएम से ज्यादा आसान होती हैं और समय भी कम लगता हैं जिसकी वजह से आसानी कैश लूट कर समय रहते भाग सकते हैं।
काटने में लगते हैं इतने मिनट
बता दें कि, एसबीआई के एटीएम में सिंगल कोड मेटल रहता है। उसे काटने में 15 से 20 मिनट लगते हैं , जबकि अन्य प्राइवेट बैंक के ATM में डबल कोड मेटल रहती है। जिसे काटने में एसबीआई के एटीएम से ज्यादा समय लगता है।
बता दें की ऐसे ही कई घटनाएं मध्यप्रदेश में पहले भी सामने आ चुकी हैं, अब वारदात की संख्या में वृद्धि और मध्यप्रदेश में एटीएम से कैश लूटने वाली गैंग बहुत एक्टिव थी। बता दें मध्यप्रदेश के ग्वालियर, मुरैना और अन्य स्थानों पर ATM काटकर लूट की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी को पकड़ लिया गया है।
बदमाश ने पुलिस को बताया कि मेवाती गैंग के टारगेट पर सिर्फ SBI के ATM हुआ करते थे। गैंग को पता था कि SBI के ATM में सिंगल कोड मेटल रहता है। जिसकी वजह से वो आराम से इस वारदात को अंजाम दे पाते थे। हालांकि वारदात के मास्टरमाइंड को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दो दिन पहले दबोचा था और दो फरार साथियों की खोज अभी जारी है।
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