Anuppur : पीएचडी छात्रों के साथ भेद-भाव कर रहा विश्वविद्यालय

अनूपपुर, मध्यप्रदेश : पाबंदियों के कारण विश्वविद्यालय की फैलोशिप से शोध करने वाले शोधार्थियो को प्रवेश व शोध से वंचित कर दिया गया है।
पीएचडी छात्रो के साथ भेद-भाव कर रहा विश्वविद्यालय
पीएचडी छात्रो के साथ भेद-भाव कर रहा विश्वविद्यालयSitaram Patel
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अनूपपुर, मध्यप्रदेश। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में शोध कार्य कर रहे शोधार्थियों के साथ भेद-भाव किया जा रहा है। 20 जुलाई को डीन समिति की बैठक में सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के अनुसार शोधार्थियो/परियोजना कर्मचारियों को विश्वविद्यालय में प्रवेश करने व प्रयोगशाला में शोध करने हेतु कई तरह की पाबदियां लगा दी गई है। जिसके कारण विश्वविद्यालय की फैलोशिप से शोध करने वाले शोधार्थियो को प्रवेश व शोध से वंचित कर दिया गया है।

शर्तो पर दी अनुमति :

समिति के द्वारा लिया गया निर्णय व विश्वविद्यालय की अधिसूचना के अनुसार शोध कार्य के लिए कई तरह की शर्ते 16 अगस्त से लागू की जाएगी। अधिसूचना में उल्लेख करते हुए लिखा कि केवल ऐसे रिसर्च स्कॉलर्स/प्रोजेक्ट स्टाफ को कैम्पस में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी, जिनके पास शोध कार्य करने के लिए ऐक्स्ट्रा म्यूरल फंडिंग होगी। ऐसे शोधार्थी/प्रोजेक्ट स्टाफ जिन्हे टीकाकरण का पहला खुराक लग चुका है एवं जिन्होने प्री-सबमीशन दे चुका है। इसके साथ ही शोधार्थियो को विश्वविद्यालय परिसर के अंदर आवास उपलब्ध नहीं कराया जाएगा, उन्हें परिसर के बाहर ही ठहरना होगा।

सैकड़ों शोधार्थी होंगे प्रभावित :

विश्वविद्यालय की फैलोशिप से शोध करने वाले सैकडों शोधार्थी इस अधिसूचना के बाद विश्वविद्यालय में प्रवेश व शोध कार्य से वंचित हो जाएगें, जबकी ये शोधार्थी कोरोना काल के पहले से निरंतर विश्वविद्यालय में अध्ययन कर शोध कार्य कर रहे थे, कोरोनाकाल के बाद शुरू हुए शोध कार्य में केवल ऐक्स्ट्रा म्यूरल फंडिंग वाले शोधार्थियों को यह सुविधा मुहैया कराई जायेगी, जबकि विश्वविद्यालय फैलोशिप से शोध करने वाले शोधार्थियों को भी कोरोना का टीका दोनो डोज लग चुके हैं, उसके बाद भी शोधकार्य व विश्वविद्यालय प्रवेश से वंचित रखा गया है।

इनका कहना है

कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए पहले चरण में रिसर्च स्कॉलर्स/प्रोजेक्ट स्टाफ को कैम्पस में प्रवेश व शोधकार्य करने की अनुमति दी गई है, तांकि शोधार्थियो का कार्य समय पर संपन्न हो सके, इसके बाद विश्वविद्यालय फैलोशिप से शोध करने वाले शोधार्थियो को प्रवेश व शोधकार्य की अनुमति प्रदान की जाएगी।

डॉ. विजय दीक्षित, जन संपर्क अधिकारी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक

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