फ्लाईओवर निर्माण: सामाजिक मुद्दा या वर्चस्व की लड़ाई
जिले के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक अनूपपुर मुख्यालय के इंदिरा चौक से फाटक की ओर थाना पहुंच मार्ग तक फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण कार्य को लेकर राजनीतिक सरगर्मी, चुनाव के मुद्दे व खुद की राजनीतिक रोटी सेकने का सबसे अच्छा माध्यम रहा है। जब भी चुनाव करीब आता तो फ्लाईओवर निर्माण का भोंपू राजनीतिक पार्टियों द्वारा घोषणा पत्र व आम सभा के माध्यम से बजाकर वोट बैंक की राजनीति तो कर लेते थे लेकिन जमीनी स्तर पर फ्लाईओवर निर्माण का कार्य किसी भी पार्टी ने अब तक शुरू नहीं करा पाया। जिसको लेकर पूर्व में सत्ता में होने के बावजूद भी तात्कालिक विधायक द्वारा धरना प्रदर्शन कर फ्लाईओवर निर्माण को लेकर राजनीतिक रोटी सेकनी चाही थी। लेकिन राजनैतिक कैरियर के उस पड़ाव में भी प्रभावशाली विधायकी ना कर सिर्फ फ्लाईओवर नामक राजनीतिक मुद्दे का ही निर्माण पूर्व विधायक द्वारा किया गया था। जो कि अब उनके कैरियर की राजनैतिक रोटी सेकने व खुद को अनूपपुर की राजनीति में जिंदा रखने का कार्य कर रहा है।
अनूपपुर, मध्यप्रदेश। जिला मुख्यालय में प्रशासन व यातायात व्यवस्था के चुनौती के रूप में चार पंचवर्षीय कार्यकाल के बाद भी फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण कार्य राजनैतिक का सबसे बड़ा मुद्दा बनकर रह गया है। अनूपपुर मुख्यालय पर जनता की मांग और सामाजिक नेताओं के लंबी लड़ाई के बाद 2016 में भाजपा शासन के दौरान फ्लाई ओवर ब्रिज की स्वीकृति प्रदान की गई थी। मुख्यमंत्री शिवराज ने 6 अगस्त 2016 को रेलवे फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण की घोषणा की थी। उसके अनुपालन में राज्य शासन में 14 दिसम्बर 2016 को 2103.95 लाख रुपए की स्वीकृति भी दे दी थी। जिसके बाद से अब तक रेलवे फ्लाईओवर निर्माण कार्य सिर्फ शिलान्यास तक ही सीमित होकर रह गया है। 2016 से लेकर अब तक मध्यप्रदेश और अनूपपुर में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही शासन किया है लेकिन दोनों सरकार अनूपपुर मुख्यालय में प्रस्तावित रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण न करा सके हैं।
रेलवे फ्लाईओवर बना राजनीतिक मुद्दा :
2016 में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रेलवे फ्लाईओवर निर्माण को स्वीकृति प्रदान करने के बाद से अब तक क्षेत्रीय नेताओं द्वारा सिर्फ फ्लाईओवर निर्माण के मुद्दे को चुनावी वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। जमीनी स्तर पर देखा जाए तो फ्लाईओवर की स्वीकृति के बाद भी क्षेत्रीय नेताओं की नाकामी के कारण कार्य प्रारंभ में भी ना हो सका है। जिले के सबसे बड़े आदिवासी नेता कहे जाने वाले तत्कालीन मंत्री बिसाहूलाल सिंह व पूर्व भाजपा विधायक रामलाल रौतेल के कई कार्य काले गुजर जाने के बाद भी अनूपपुर की जनता को यातायात की अव्यवस्था से निजात नहीं मिल पाया है। अनूपपुर क्षेत्र के इन बड़े चेहरों की नाकामी के कारण आज अनूपपुर की जनता प्रस्तावित रेलवे फ्लाई ओवरब्रिज का लाभ नहीं उठा पा रही है। हालांकि फ्लाईओवर निर्माण के नाम पर पूर्व भाजपा विधायक ने अपनी राजनीतिक रोटी खूब सेकी है। देखना यह है कि राजनीति के इस पड़ाव में क्या फ्लाईओवर के मुद्दे से दोबारा भाजपा में रामलाल रौतेल की स्थापना हो पाएगी या की यह मुद्दा पार्टी में उनकी छवि को और धुंधला कर देगी।
सत्ता के विरोध में बैठे पूर्व विधायक :
2016 में भाजपा सरकार में स्वीकृत फ्लाईओवर ब्रिज के निर्माण कार्य प्रारंभ ना होने एवं विभाग द्वारा कोताही बरतने को लेकर नाराज पूर्व विधायक रामलाल रौतेल अपनी ही सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन एवं उपवास सोमवार से प्रारंभ हुआ है। पूर्व में 2 बार फ्लाईओवर के निर्माण कार्य का शुभारंभ 2017 में तात्कालिक प्रभारी मंत्री संजय पाठक द्वारा एवं दूसरी बार 2020 में स्वयं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था, किंतु अब तक निर्माण कार्य पूरा न हो सका, जिसे शासन की कमजोरी व विभाग की अनियमितता व लापरवाही मानते हुए पूर्व विधायक रामलाल रौतेल निर्माण कार्यों में हो रही देरी के कारण अनिश्चितकालीन अनशन और उपवास सोमवार से शुरू किया है।
मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री ने किया था शुभारंभ :
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने फ्लाईओवर की घोषणा की थी, मुख्यमंत्री शिवराज ने 6 अगस्त 2016 को रेलवे फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण की घोषणा की थी, उसके अनुपालन में राज्य शासन में 14 दिसम्बर 2016 को 2103.95 लाख रुपए की स्वीकृति भी दे दी थी। 2017 में तत्कालीन प्रभारी मंत्री संजय सत्येंद्र पाठक द्वारा शिलान्यस करते हुए कार्य आरम्भ कराया गया था, इस दौरान प्रभावित व्यक्तियों को करोड़ों रुपए मुआवजा राशि भी वितरित की गई, इसके बाद अनूपपुर दौरे में आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोबारा सितंबर 2020 में फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण का शुभारंभ किया। अगस्त 2021 में भाजपा जिला अध्यक्ष एवं पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा तीसरी बार फ्लाईओवर का निर्माण कार्य के शुभारंभ का प्रसाद जनता में बंट कर कार्यक्रम किया गया किया गया था। लेकिन आज तक कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है, जिसको लेकर अब दोबारा पूर्व भाजपा विधायक रामलाल रौतेल ने अनिश्चितकालीन उपवास और धरना प्रदर्शन शुरू किया है देखना यह है कि अब कब प्रशासन द्वारा फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
राजनीतिक कैरियर का दीपक तो नहीं फ्लाई ओवर :
सत्ता शासन के खिलाफ रेलवे फ्लाईओवर निर्माण के मुद्दे को लेकर धरना और उपवास में बैठे पूर्व विधायक रामलाल रौतेल को लेकर जन चर्चा है कि कांग्रेस के बड़े आदिवासी चेहरा रहे बिसाहूलाल सिंह के भाजपा में शामिल हो जाने और मंत्री बन जाने के बाद से अनूपपुर में पूर्व विधायक की राजनीतिक करियर अंधेरे में चला गया था, जिसको दोबारा रोशन करने के लिए रेलवे फ्लाईओवर नामक दीपक का उपयोग पूर्व विधायक द्वारा किया जा रहा है। राजनीतिक रोटी सेकने के लिए तो फ्लाईओवर के मुद्दे को लेकर अपने सत्ता शासन के खिलाफ पूर्व विधायक ने मोर्चा खोल दिया है। देखना यह है कि अब राजनीति की चिंगारी को आग बना कर क्या दोबारा अनूपपुर की राजनीति में अपना चिराग पूर्व विधायक रामलाल रौतेल चला पाएंगे या की फ्लाईओवर मुद्दा उनके राजनीतिक करियर का नया मोड़ बनकर सामने आएगा।
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