प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु सजग रहने की गई अपील
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु सजग रहने की गई अपीलSitaram Patel

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु सजग रहने की गई अपील

अनूपपुर, मध्यप्रदेश : कुछ पटाखों से उत्पन्न ध्वनि की तीव्रता 100 डेसीबल से भी अधिक होती है। इस प्रकार के प्रदूषण पर नियंत्रण किया जाना अत्यावश्यक है। जिससे मानव अंगों पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है।
Published on

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। दीपावली प्रकाश का पर्व है, परंतु दीपावली के समय विभिन्न प्रकार के पटाखों का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है। ज्वलनशील एवं ध्वनि कारक पटाखों के उपयोग के कारण परिवेशीय वायु में प्रदूषण तत्वों एवं ध्वनि स्तर में वृद्धि होकर पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कुछ पटाखों से उत्पन्न ध्वनि की तीव्रता 100 डेसीबल से भी अधिक होती है। इस प्रकार के प्रदूषण पर नियंत्रण किया जाना अत्यावश्यक है। जिससे मानव अंगों पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है।

विक्रय एवं उपयोग पूर्णत : प्रतिबंधित

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना जी.ए.आर. 682 (ई) में पटाखों के प्रस्फोटन से होने वाले शोर हेतु मानक के अनुसार प्रस्फोटन के बिन्दु से 4 मीटर की दूरी पर 125 डी.बी. (ए.आई) या 145 डी.बी.सी. पीक से अधिक ध्वनि स्तर जनक पटाखों का विनिर्माण विक्रय व उपयोग वर्जित है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट-पिटीशन सिबिल 728/2015 ध्वनि प्रदुषण पर नियंत्रण के परिप्रेक्ष्य में 23 अक्टूबर, 2016 को दिये गये निर्णयानुसार रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक 2 घन्टे पश्चात दीपावली पर्व पर पटाखों का उपयोग प्रतिबंधित है। लड़ी जुड़े हुए पटाखों को गठित करने वाले अलग-अलग पटाखों के निर्माण, विक्रय एवं उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित है। दीपावली पर्व पर एवं अन्य पर्वों के अवसरों पर उन्नत पटाखे एवं ग्रीन पटाखें ही विक्रय किये जा सकेंगे।

पटाखों का कचरा पृथक से हो संग्रहित :

पटाखों के जलने से उत्पन्न कागज के टुकड़े एवं अधजली बारूद बच जाती है तथा इस कचरे के सम्पर्क में आने वाले पशुओं एवं बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने की सम्भावना रहती है। पटाखों के जलाने के उपरांत उनसे उत्पन्न कचरे को ऐसे स्थानों पर न फेंका जाए जहां पर प्राकृतिक जल स्त्रोत और पेयजल स्त्रोत प्रदूषित होने की संभावना है, क्योंकि विस्फोटक सामग्री खतरनाक रसायनों से निर्मित होती है। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आम जनता से अपील की है कि पटाखों का उपयोग सीमित मात्रा में करें एवं पटाखों को जलाने के पश्चात उत्पन्न कचरे को घरेलू कचरे के साथ न रखे। उन्हे पृथक स्थान पर रखकर नगर पालिका के कर्मचारियों को सौप दे। नगर पालिकाओं से भी यह आग्रह किया गया है कि वे पटाखों का कचरा पृथक से संग्रहित करके उसका निष्पादन सुनिश्चित करें।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com