Anuppur : नौकरी काल से 10 गुना अधिक डकार कर बैठे सीएमओ
अनूपपुर जिले की बिजुरी नगर पालिका में हुआ करोड़ों का भ्रष्टाचार आमजन मानस व प्रदेश के भविष्य के लिए संकट पैदा कर सकता है करोड़ों का भ्रष्टाचार और अधिकारियों के मैनेजमेंट व मामले को न्यायालय में उलझाकर भ्रष्टाचार की राशि का 5 प्रतिशत ब्याज खर्च कर इसे ताउम्र उलझाया जा सकता है। बिजुरी में कुछ ऐसा ही हो रहा है, जो आगे चलकर नौकरशाहों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
अनूपपुर, मध्यप्रदेश। जिले की बिजुरी नगर पालिका में लगभग 20 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार हुआ, कई करोड़ की राशि तो सिर्फ कागजों में खरीदी और निर्माण दर्शाकर अपनी ही फर्म में भुगतान कर ले ली गई। शिकायत के बाद प्रशासन हरकत में तो आया, लेकिन जो कार्यवाही हुई, वह नजीर नहीं बन सकी। चर्चा यह है कि 20 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार करने के बाद महिला सीएमओ पर कार्यवाही की गई, लेकिन महज एफआईआर या वरिष्ठ कार्यालय में अटैच कर देने से मामला खत्म नहीं होता, भ्रष्टाचार से अर्जित की गई करोड़ों की राशि का एक प्रतिशत भी न्यायालय के माध्यम से मामले को गुमराह और लटकाने में खर्च किया जाये तो, यह मामला कई दशकों तक खींचा जा सकता है, यही नहीं यदि सीएमओ के पूरे नौकरी काल का वेतन और भत्ते भी जोड़ लिए जाये तो, भ्रष्टाचार से अर्जित की गई राशि के सामने वेतन की राशि कुछ प्रतिशत ही है, कुछ दिनों तक मामला चर्चा में रहेगा, बाद में सब शांत हो जायेगा। बिजुरी के भ्रष्टाचार की कहानी संभाग सहित प्रदेश के अन्य नौकरशाहों के लिए नया रास्ता बनाती नजर आ रही है, जिस पर चलकर वे खुद तो अपना जीवन सफल कर जायेंगे, लेकिन इससे प्रदेश भाजपा सरकार की मंशा और आम आदमी के बीच में उसकी साख धूल-धुरसित होती नजर आ रही है।
सो रहा वाणिज्य कर विभाग :
जीएसटी लागू होने के बाद वाणिज्य कर जैसे विभागों का काम कई गुना बढ़ गया है, लेकिन बिजुरी में जिस तर्ज पर बंद जीएसटी वाली कागजी फर्म में करोड़ों के भुगतान हुए और इस मामले में इस विभाग की चुप्पी, खुद जिम्मेदारों की संलिप्तता उजागर करती है। निकाय निधि का गबन करने वाली तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी द्वारा नगरपालिका बिजुरी के मस्टर श्रमिकों एवं रिद्धिमा इण्टरप्राईजेज के संचालक जय पाण्डेय से मिलीभगत कर षडयंत्रपूर्वक कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मर्चुरी कैबिनेट निकाय में आये बगैर राशि रूपये 4 लाख 95 हजार का गबन कर लिया गया है। साथ ही मर्चुरी कैबिनेट क्रय की कूटरचित नस्ती बनवाई गई है। उक्त नस्ती/नोटशीट में प्रथम पेज पर 28 सितम्बर 2021 में पारित प्रस्ताव क्रमांक 02 के अनुसार मर्चुरी कैबिनेट क्रय किये जाने का लेख है, जबकि पी.आई.सी. बैठक रजिस्टर में उक्त 28 सितम्बर 2021 के प्रस्ताव क्रमांक 02 में वार्ड क्रमांक 07 में दुर्गा पण्डाल बनाने का प्रस्ताव लेख है। बैठक रजिस्टर की प्रति संलग्न है, अर्थात् उक्त दिनांक की बैठक का झूठा हवाला देकर कूटरचित नोटशीट तैयार कराई गई है।
अध्यक्ष व लिपिकों के फर्जी हस्ताक्षर :
यह बात भी सामने आई कि सीएमओ ने अध्यक्ष से लेकर उपयंत्री और विभाग प्रमुखों के फर्जी हस्ताक्षर कर पूरा खेल-खेला लेकिन धोखाधड़ी व गबन जैसे आरोप अपने नतीजे तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, पुरूषोत्तम सिंह, अध्यक्ष, नगरपालिका परिषद् बिजुरी से सेंक्शन लिये बगैर एवं भण्डार प्रभारी रामबिहारी मिश्रा को जानकारी दिये बगैर उक्त नोटशीट एवं नस्ती तैयार कराई गई, तथा मर्चुरी कैबिनेट सप्लायर रिद्धिमा इण्टरप्राईजेज द्वारा जेम पोर्टल पर जेम की आड़ में यह खेल-खेला गया, मर्चुरी के बिल की जगह पर नल, पाईप और अन्य सामग्री के बिल अपलोड कर धोखा दिया गया है।
यह कहता है अधिनियम :
निकाय की उक्त नस्ती में संलग्न वित्तीय बिड मूल्यांकन समिति के प्रपत्र सहित सम्पूर्ण नोटशीट में किसी उपयंत्री के हस्ताक्षर नहीं हैं, जबकि प्रेसीडेण्ट-इन-काउंसिल के कामकाज का संचालन नियम 1998 के नियम 6 में स्पष्ट प्रावधान है, कि निविदा समिति तीन लोगों को मिलाकर बनेगी अर्थात् नस्ती में संलग्न निविदा समिति के प्रपत्र में उपयंत्री के हस्ताक्षर आवश्यक हैं। पुरूषोत्तम सिंह, अध्यक्ष, नगरपालिका परिषद बिजुरी से स्वीकृति लिये बगैर प्रबंधक महोदय, जेम भारत सरकार को सामग्री प्रदाय बावत जारी आदेश क्रमांक 167 दिनांक 22 नवम्बर 2021 कूटरचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी की गई है।
इनका कहना है :
मेरे पास मामला नहीं आया है, हाँ जानकारी में है कि जांच चल रही है, जानकारी प्राप्त कर आपको कुछ बता पाऊंगा।
सरोधन सिंह, अपर कलेक्टर अनूपपुर
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