Anuppur : करोड़ों खर्च के बाद भी किसानों नहीं मिला पानी
सरकार जरूरतमंदों के बीच योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए करोड़ों रूपए खर्च करती है, लेकिन उन जरूरत मंदों को इसका कितना लाभ मिलता है, इसकी समीक्षा कर वास्तविकता जानने का प्रयास नहीं किया जाता है। परिणामस्वरूप लापरवाह अधिकारी, नेता व ठेकेदार की तिकड़ी मिलीभगत से लाखों गटक जाती है और धरातल पर लाभार्थियों को महज दीवार और नालियां ही नजर आती हैं।
अनूपपुर, मध्यप्रदेश। जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत परसवार के ग्राम मौहरी में किसानों को पानी के लिए सुदृढ़ व्यवस्था सरकार द्वारा डेम बना कर दिया गई थी, लेकिन जन संसाधन विभाग में बैठे लापरवाह तत्कालीन इंजीनियर/एसडीओ जीवनलाल नंदा जैसे अधिकारी की वजह सारी योजनाएं धरी की धरी रह जाती है। गांव के समीप करोड़ों खर्च कर बनाये गए डैम से सिंचाई के लिए खेतों को पानी नहीं मिला। दर्जनों गांव में डैम का निर्माण हुए लगभग तीन वर्ष से अधिक हो गए। डैम से खेतों तक पानी निकासी के लिए नाला तो बना दिया गया, लेकिन खेतों तक पानी नहीं पहुुंचना कायरता साबित कर रही है।
ग्रामीणों ने दिया था पत्र :
ग्रामीणों ने डैम में पानी न रूकने की वजह और गेट बदलने के लिए विभाग को पत्र लिखने के साथ ही तत्कालीन इंजीनियर जीवनलाल नंदा को मौखिक रूप से जानकारी दी थी, उसके बाद भी न तो आज तक विभाग संज्ञान लिया और ही उक्त इंजीनियर ने, जिसके कारण आज भी पानी डैम में नहीं रूक रहा है। गांव के किसान यह भी कह रहे है कि डैम निर्माण में संवेदक मालामाल हो गए वहीं किसान पानी न मिलने के कारण लाचार हो गए है। डैम का निर्माण कराया गया, किन्तु आज के दिनों में डैम बेकार पड़े हैं।
करोड़ों का बांट दिया मुआवजा :
नहर से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नाला का निर्माण किया गया, जिन किसानों का जमीन उक्त नाले के क्षेत्र में आया, उन्हें मुआवजे का वितरण भी कर दिया गया, लेकिन आज तक उस नाले से पानी ही नहीं निकला, कई गजह तो नाला टूट गया। करोड़ों रुपये अब तक इस योजना पर खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन आज भी किसान अपने को ठगा हुआ महसूस करते हैं। सचाई यह है कि अभी तक इस नहर से एक बूंद पानी नहीं मिला है।
हर कार्यो में लीपा-पोती :
इंजीनियर से एसडीओ बने जीवन लाल नंदा ने जिले में जितने में कार्य किये है, उन से सभी निर्माण में लीपा-पोती की गई है, चाहे वह तिपान नदी में बनाये गये पुल का टूटना हो, कोतमा में इनके देख-रेख में बनाये गये डैम का फूटना हो या फिर मौहरी में बनाये डैम में पानी न रूकने का मामला हो, इनके कार्यकाल के सभी कार्य में भ्रष्टाचार और लापरवाही की गई है, जिसके कारण किसानों और आम लोगों को लाभ नहीं मिल पाता है, पुष्पराजगढ़ में रहने के दौरान भी कई ऐसे कार्य किये है जिनका लाभ आज भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है।
वर्षों जिले में कदम :
जन संसाधन विभाग में दशकों से जडे जमाये बैठे जीवन लाल नंदा का सफर इंजीनियर से एसडीओ तक का है, इनके कार्यकाल के दौरान किये गये कार्यो की समीक्षा की जाये तो हर कार्य में भारी अनीयमितता और लापरवाही दिखाई देगी, लेकिन जुगाड के दम पर दशकों से मनमाना कार्य किये जा रहे है, जिले से आज तक न तो कोई इन्हे हटा पाया और न ही कोई कार्यवाही आज तक की गई। इस दौरान कई चुनाव हुए और कई घोर लापरवाही पाई गई, उसके बावजूद दशकों से जमें हुए हैं।
इनका कहना है :
मैं दो-तीन दिन के अंदर डैम का निरीक्षण कर लेता हूं, अगर कोई भी समस्या होगी, तो जल्द व्यवस्था को दुरूस्त कराया जाएगा।
जे.डी. मांझी, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, अनूपपुर
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