Anuppur : क्रास वोटिंग पर टिकी अध्यक्ष पद की दावेदारी
पार्षद के परिणाम आने के बाद नपा में अध्यक्ष पद को लेकर भाजपा-कांग्रेस व निर्दलीय तेजी से कवायद में जुट गये है, भाजपा को जहां एक पार्षद के सहारे की आवश्यकता है वहीं कांग्रेस तीन पार्षद के भरोसे अध्यक्ष का ख्वाब देख रही है तो निर्दलीय भी कांग्रेस व भाजपा के विभीषण को तलाश कर अध्यक्ष पद पर काबिज होने की सोच में है, ऐसे में यहां अध्यक्ष पद की दावेदारी क्रास वोटिंग पर टिकी हुई है।
अनूपपुर, मध्यप्रदेश। नगर पालिका चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद बहुमत से एक कम भारतीय जनता पार्टी को संख्या बल में पार्षद प्राप्त हुआ है, वहीं कांग्रेस कोसो दूर बहुमत से खड़ी है, ऐसे में अनूपपुर नगर पालिका में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के निर्वाचन में निर्दलीयों की अहम भूमिका होगी। बहरहाल भारतीय जनता पार्टी के नेता गाल बजाते नजर आ रहे हैं कि जो निर्दलीय जीते हैं वह भी उन्हीं के हैं, कुछ नाराजगी बस वह दूर हुए थे, लेकिन शायद वही नेता यह भूल गए कि निष्कासन का पत्र जारी कर उन्हें पार्टी के बाहर का रास्ता दिखाया गया था। ऐसे में वह कैसे अपने हो सकते हैं, यद्वपि यह दौर चलता रहेगा, जब तक कि अध्यक्ष पद पर चुनाव नहीं हो जाता है।
यह हो सकते भाजपा के उम्मीदवार
चुनाव परिणाम के दो दिन बीत जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अभी अध्यक्ष पद के प्रत्याशी को लेकर फिलहाल अभी तक कोई बैठक नही हुई है। गुरूवार को जीते हुए पार्षदो को मंत्री बिसाहूलाल व जिलाध्यक्ष बृजेश गौतम की उपस्थिति में भाजपा जिला कार्यालय में माल्यार्पण कर उन्हे जीत की बधाई दी गई। इस पूरे मामले में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों की माने तो नगरपालिका परिषद अनूपपुर के अध्यक्ष पद का उम्मीदवार वार्ड नंबर-13 से निर्वाचित पार्षद सोनाली पिन्टू तिवारी एवं वार्ड नंबर-5 की पार्षद संध्या रूपेश राय को बनाया जा सकता है, लेकिन अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए स्वयं पार्षद को जागरूक व तैयार होना होगा। वही कांग्रेस से अध्यक्ष पद के दावेदार के रूप में विजयी पार्षद डॉ. प्रवीण आशीष त्रिपाठी व निर्दलीय विजयी पार्षद कंचन गजेन्द्र ङ्क्षसह की दावेदारी को कमजोर नही आंका जा सकता है। राजनीति के यह युवा धुरंधर पडले को किसी भी करवट पर भारी कर सकते है।
निर्दलीयो पर टिकी कांग्रेस की निगाहें
यूं तो कांग्रेस पार्टी के द्वारा दिये गये टिकट के बाद से ही अनूपपुर नगर में चर्चाए प्रारंभ थी कि परिषद् में अध्यक्ष बनाने लायक कांग्रेस पार्षद नही जिता सकती, और हुआ भी कुछ ऐसा ही। 15 वार्डो की नगरपालिका में महज तीन ही प्रत्याशी कांग्रेस से पार्षद निर्वाचित हो सके। इसके बाद नगरपालिका परिषद में अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस इस जोड़-तोड़ में है कि निर्दलीयों को मिलाकर नगर की सरकार बना दी जाए, लेकिन जीते हुए निर्दलीय पार्षद कांग्रेस से अध्यक्ष पद की मांग कर रहे हैं, ऐसे में ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो उसी दिन तय होगा जिस दिन अध्यक्ष का नामांकन भरा जाएगा।
निर्दलियों की अपनी अलग गुणा-गणित
इस बार के नगरपालिका चुनाव में पार्षद पद के आये परिणामों ने निर्दलियों ने बाजी मारी है, 5 निर्दलीय प्रत्याशी पार्षद निर्वाचित हुए है, जिसके बाद अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर वह भी अपना अलग गुणा-गणित लगा रहे है। राजनैतिक विशलेषकों की माने तो यह न तो असंभव है और न ही इसमें अचङ्क्षभत होने वाली बात है कि यदि 5 निर्दलीय एक साथ होते है और कांग्रेस परिषद् बनाने में कोसो दूर है तो दोनो मिलाकर नगर की सरकार सफल तरीके से गठित कर सकते है।
क्या निर्दलीय थामेंगे दामन
यूं तो नगरपालिका परिषद अनूपपुर में निर्वाचित हुए चार निर्दलीय पार्षद भाजपा की वैचारिक पृष्ठभूमि के है, लेकिन भाजपा से टिकट न मिलने पर वह बवागत कर मैदान में उतर गये और जीत हासिल कर साबित कर दिया कि भाजपा ने वार्ड नंबर-01, वार्ड नंबर-12, वार्ड नंबर-14 एवं वार्ड नंबर-15 में प्रत्याशी चयन में गलत निर्णय किया। परिणाम आने दो दिन बाद तक किसी भी निर्दलीय प्रत्याशी ने भाजपा में शामिल होने की बात नही की, लेकिन भाजपा के तमाम नेता चर्चाओ का बाजार गर्म किये रहे कि हमारी विचारधारा के लोग हमसे दूर नही रहेंगे वह भाजपा में भी शामिल होंगे।
कांग्रेस को भाजपा के विभीषणों पर भरोसा
नगरपालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए जहां भाजपा विजयी निर्दलीय पार्षद के पार्टी में शामिल न होने पर क्रास वोटिंग का समीकरण जुटा रही है, वहीं कांग्रेस भी निर्दलीय एवं भाजपा के विभीषणों के भरोसे नगरपालिका में अध्यक्ष पद की दावेदारी कर सकती है। कुछ इसी तरह निर्वाचित निर्दलीय पार्षद भी अध्यक्ष पद के लिए जुगत भिड़ा रहे है कि भाजपा के खेमे से उन्हे दो मत प्राप्त होंगे और एक कांग्रेस से हासिल कर वह प्रथम नागरिक कहलायेंगे।
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