सतना: कोल जनजाति महाकुंभ में अमित शाह और शिवराज ने विकास कार्यों का किया शिलान्यास और लोकार्पण
सतना, मध्य प्रदेश। सतना के हवाई पट्टी मैदान में आज शुक्रवार को शबरी माता की जयंती पर 'कोल जनजाति महाकुंभ' का आयोजन हुआ, जिसमें केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। इस दौरान अमित शाह ने माँ शारदा शक्तिपीठ मंदिर में दर्शन एवं पूजन करने के बाद 'कोल जनजाति महाकुंभ' कार्यक्रम का अमित शाह और CM शिवराज ने कन्या पूजन, दीप प्रज्ज्वलन एवं माता शबरी और प्रभु श्रीराम की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर शुभारंभ किया।
विभिन्न विकास कार्यों की दी सौगात :
शबरी माता की जयंती पर सतना में आयोजित कोल जनजाति महाकुंभ कार्यक्रम के दौरान अमित शाह और CM शिवराज ने ₹532 करोड़ 65 लाख लागत के 35 विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण कर बड़ी सौगात दी है। इस दौरान कार्यक्रम में फग्गन सिंह, वीडी शर्मा, नरोत्तम मिश्रा, गणेश सिंह, रामखेलावन पटेल, रामलाल रौतेल सहित कोल समाज के अन्य गणमान्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इसके बाद CM शिवराज और अमित शाह ने कोल जनजाति महाकुंभ' को संबोधित किया। सीएम शिवराज ने अपने संबोधन में कहा- कोल समाज की मेरी बहनों और भाइयों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली, गौरवशाली और समृद्ध भारत का निर्माण हो रहा है। देश में गरीबों को पक्का मकान और निःशुल्क राशन मिल रहा है। कोल समाज के बहनों-भाइयों, 18 सितंबर को जबलपुर में राजा शंकर शाह की जयंती पर केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में हमने तय किया था कि जनजाति समाज का संपूर्ण विकास करेंगे।जब सत्ता, शासन और प्रशासन पैदल चलकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, वही रामराज्य है।
मेरे भाइयों-बहनों, यह केवल शबरी महाकुंभ नहीं है, यह कोल समाज की जिंदगी बदलने का अभियान है, जनता की जिंदगी बदलने का अभियान है। कोल समाज के बहनों-भाइयों, 18 सितंबर को जबलपुर में राजा शंकर शाह की जयंती पर केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में हमने तय किया था कि जनजाति समाज का संपूर्ण विकास करेंगे। ₹3.50 करोड़ की लागत से कोल गढ़ी का जीर्णोद्धार करेंगे। साथ ही कोल जाति की परंपराओं और इतिहास को दर्शाने के लिए संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
सीएम शिवराज द्वारा संबोधन में कही गई बातें-
पेसा नियम लागू करके जनजातियों की तकदीर और इन क्षेत्रों की तस्वीर बदल रही है। 18 सितंबर को 14 घोषणाएं हमने की थीं। आज हमें गर्व है कि 14 घोषणाएं पूरी कर, हमने जनजातीय समाज की जिंदगी बदलने का प्रयास किया है।
मुझे प्रसन्नता है कि अब हमारे जनजातीय समाज के लोग, गांव और जंगल में रहने वाले लोग तेंदूपत्ता तोड़ेंगे और बेचेंगे। आज हमें कुछ और संकल्प लेना है, जिससे कोल समाज की जिंदगी में आनंद और प्रसन्नता आए।
कोलगढ़ी में बाउंड्रीवॉल और पार्क का निर्माण होगा। वहां माता शबरी की प्रतिमा स्थापित होगी। विंध्य की जनजातीय संस्कृति को दर्शाने के लिए शिलालेख, रीति-रिवाज, वेशभूषा और इतिहास को दर्शाने की व्यवस्था भी की जाएगी। कोलगढ़ी में एक संग्रहालय बनाया जाएगा, जहां कोल जाति की परंपराएं, हमारे महापुरुष और इतिहास को दर्शाने का काम किया जाएगा।
कोल समाज के बेटे-बेटियों को व्यवसाय के लिए लोन उपलब्ध कराया जाएगा। लोन और ब्याज की गारंटी सरकार लेगी। हम प्रयास करेंगे कि बच्चों को ठीक ढंग से प्रशिक्षण और कोचिंग की व्यवस्था हो, ताकि हमारे बच्चों का चयन भी सरकारी नौकरी में हो जाए।
कोल समाज के बच्चे बड़ी संख्या में पढ़ने के लिए रीवा और सतना आते हैं। हम, रीवा में पोस्ट ग्रेजुएट हॉस्टल का निर्माण करेंगे और सतना में बेटियों के लिए हॉस्टल बनाई जाएगी, ताकि हमारे बेटा-बेटी पढ़ सकें। मैं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने भोपाल आकर मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में कराने का शुभारंभ किया ताकि हमारे गरीब बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बन सकें।
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