ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक
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सरकार द्वारा मदरसों पर किये जा रहे सर्वे को लेकर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की हुई बैठक

सरकार द्वारा मदरसों पर किये जा रहे सर्वे को लेकर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक आयोजित हुई। ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारणी मेम्बर एवं विधायक आरिफ मसूद ने बताया...
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भोपाल, मध्य प्रदेश। ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारणी मेम्बर एवं विधायक आरिफ मसूद ने पत्रकारवार्ता में बताया कि आज एक अहम बैठक म.प्र. में मदरसों को लेकर एक समुदाय को भयभीत करने की जो कोशिश की जा रही है, इसको लेकर क़ाज़ी-ए-शहर भोपाल सै. मुश्ताक़ अली नदवी सा. की सरपरस्ती आयोजित की जिसमें मुफ्ती-ए-शहर अबुल कलाम क़ासमी सा., मुफ्ती जुनैद सा. फलाही सहित प्रदेश के अन्य जिलों के सभी बड़े मदरसों के संचालक उपस्थित रहे।

आरिफ मसूद ने पत्रकारवार्ता में कहा कि आर्टिकल 25 और 27 हमें इस बारे में स्वतंत्रता देते हैं की संविधान के अधीन भारत में मदरसे चलते आ रहे हैं, यह मदरसे अंग्रेज़ों के ज़माने में भी रहे हैं और मदरसों से ही आज़ादी की लड़ाई लड़ कर देश को आज़ाद कराने में इन मदरसों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत की आज़ादी के बाद भी संविधान के दायरे में यह मदरसे चल रहे हैं यह मदरसे सोसायटी एवं ट्रस्ट के तहत मिल्कियत की भूमि पर संचालित हो रहे हैं, इसी के साथ-साथ जो मकतब होते हैं वह भी ट्रस्ट एवं सोसायटी की निगरानी में ही मसाजिद में चलाए जाते हैं।

मदरसों में जो बच्चे एडमिशन लेते हैं वह उनके मं बाप की मर्जी से या अपनी स्वेच्छा से ही दाखिला लेते हैं और वहीं रहकर कुरआन/इस्लाम की तालीम हासिल कर हाफ़िज़, मुफ्ती, आलिम बनकर देश एवं विदेश की प्रमुख यूनिवर्सिटीज़ में भी तालीम हासिल करते है, इसी तरह सम्पूर्ण भारत में सभी धर्माें के लोग अपने धर्म के अनुसार संचालित केन्द्रों में धार्मिक शिक्षा प्राप्त करते हैं।

पत्रकारवार्ता में आगे कहा कि, मध्यप्रदेश में अधिकतर मदरसे ट्रस्ट एवं संस्थाओं द्वारा ही संचालित हैं, यह मदरसे आवाम के चंदे से संचालित होते हैं उसका पैसा बच्चों के भोजन, आवास, इलाज, कपड़े, किताबें एवं षिक्षकों को वेतन आदि सुविधा प्रदान करने हेतु खर्च किया जाता है तथा कुछ मदरसे जो कि शासन में पंजीकृत हैं अथवा कुछ प्रदेश सरकार द्वारा मदरसाबोर्ड के माध्यम से संचालित एवं वित्त पोषित हैं। इन संस्थाओं अथवा मदरसों का आर्थिक लेखा जोखा वार्षिक रूप से रजिस्ट्रार सोसायटी एवं फर्म में जमा होता है यदि कुछ मदरसे जो रजिस्टर्ड नहीं हो पाए हैं उनके संचालक रजिस्ट्रेशन कराने में लगे हुए हैं और जिन मदरसों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा उनके रजिस्ट्रेशन हेतु पूरी मदद की जाएगी।

धर्म विशेष को भयभीत करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा मदरसों के खिलाफ अभियान चलाकर परेशान किया जा रहा है। हम सरकार से अपील करते हैं कि प्रदेश के कईं जिलों में अधिकारियों द्वारा मदरसों की जंच के नाम पर वसूली अभियान चलाया जा रहा है, इस पर शीघ्र रोक लगना चाहिए।

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