ग्वालियर : अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए एजेंट और अप्रोच नहीं आएगी काम

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब एजेंट और अप्रोज काम नहीं आएंगे। आप अनुभवी ड्राइवर हो तो ही आपका लाइसेंस बनेगा।
अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए एजेंट और अप्रोच नहीं आएगी काम
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हाइलाइट्स :

  • कम्प्यूटर लेगा ड्राइविंग ट्रायल

  • ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट से मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस, रिकॉर्ड होगा डाटा

  • ड्राइविंग में कुशल लोगों को ही मिलेगा ड्राइविंग लाइसेंस

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब एजेंट और अप्रोज काम नहीं आएंगे। आप अनुभवी ड्राइवर हो तो ही आपका लाइसेंस बनेगा। क्योंकि आपका ट्रायल परिवहन निरीक्षक नहीं बल्कि कम्प्यूटर लेगा। जी हां। मध्यप्रदेश के सभी जिलों में नए ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जिसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट आधुनिक एवं उन्नत तरीके से लिया जाएगा। परिवहन विभाग द्वारा प्रदान की जा रही नागरिक सेवाओं को और पारदर्शी एवं प्रभावी बनाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।

ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर के विषय को परिवहन आयुक्त ने प्राथमिकता से लिया है। इस संदर्भ में 11 अगस्त को सीआईआरटी पुणे के वरिष्ठ तकनीकी सलाहकारों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कर परियोजनाओं को गति देने पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान परिवहन आयुक्त ने शीघ्र रिक्वेस्ट फोर प्रपोजन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

ऑटोमेटेड ड्राइविंग लाइसेन्स इशुइग सेटर के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेन्स टेस्ट की प्रक्रिया को और सुहृद एवं पारदर्शी बनाएगा। वर्तमान में मध्य प्रदेश में केवल इंदौर जिले में ही ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर कार्य कर रहा है। शीघ्र ही मोमाल में भी इसी प्रकार के सेंटर का शुभारंभ होने वाला है।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत यह परियोजना को पीपीपी मॉडल पर क्रियान्वित किया जाएगा। डीपीआर सेंट्रल इन्स्टिटूट फ़ोर रोड ट्रांसपोर्ट पुणे द्वारा तैयार की जा रही है।

जानिए कैसे होगा ट्रायल :

  1. पहले टेस्ट में यातायात नियमों की पालना करते हुए 8 का अंक बनाना जरूरी होगा।

  2. दूसरे टेस्ट में अंग्रेजी के एच अक्षर की तरह गाड़ी चलानी पड़ेगी

  3. तीसरे टेस्ट में गाड़ी पार्क करके दिखानी होगी

  4. चौथे टेस्ट में गाड़ी चढ़ाते समय पीछे नहीं खिसकनी चाहिए।

कैमरों से मॉनिटरिंग, प्रक्रिया पारदर्शी :

विभाग ने लर्निंग लाइसेंस और परमानेंट लाइसेंस में आवेदन की प्रक्रिया को तो पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है। इसी तर्ज पर अब अब ड्राइविंग ट्रायल लेने की प्रक्रिया में यह बदलाव किए गए हैं। ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो जाएगी। ट्रैक पर कैमरों से मॉनीटरिंग की जाएगी और सभी टेस्ट के बाद आवेदक के पास-फेल का रिजल्ट निकाला जाएगा।

ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट के महत्वपूर्ण बिंदु :

  1. बायोमेट्रिक से पहचान होने पर ही व्यक्ति ड्राईविंग टेस्ट दे सकता है।

  2. बिना मानव हस्तक्षेप के टेस्ट लिया जाएगा।

  3. सेन्सर आधारित सीसीटीवी कैमरा एवं सॉफ्टवेर के माध्यम से पूरी मॉनिटरिंग की जाएगी।

  4. अलग-अलग बिंदुओं पर चालक के कौशल को अंकित किया जाएगा एवं उचित मापदंड हासिल करने पर ही ड्राइविंग टेस्ट में पास माना जाएगा।

  5. ड्राइविंग टेस्ट के लिए अर्पोटमेंट ऑनलाइन ही प्राप्त किया जाएगा।

  6. अपने आवेदन की जानकारी ऑनलाईन प्राप्त की जा सकती है।

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