हाइलाइट्स :
17 सितम्बर को हो सकता है लोकार्पण।
दो हजार करोड़ की लागत से किया जा रहा है एकात्म धाम का निर्माण।
कमल के फूल के बेस पर होगी शंकराचार्य की मूर्ती स्थापित।
भोपाल, मध्यप्रदेश। ओंकारेश्वर में बन रही आदि शंकराचार्य की बाल स्वरुप मूर्ती का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन 17 सितम्बर को कर सकते हैं। मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में मधांता पर्वत पर आदि गुरु शंकराचार्य की अष्टधातु से 108 फीट ऊंची मूर्ती बनाई जा रही है। मधांता पर्वत पर दो हजार करोड़ की लागत से एकात्म धाम का निर्माण किया जा रहा है। साल 2018 में अखिल भारतीय एकात्म यात्रा के द्वारा 23 हजार गांव से एकत्र धातुओं से इस मूर्ती का निर्माण किया गया है।
कमल के फूल के बेस पर शंकराचार्य की प्रतिमा:
मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर परिसर में अध्यात्म और ध्यान का संगम होगा। यहां आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के साथ ही शंकर निधि ध्यानासन केंद्र भी बनाया जा रहा है। संस्कृति विभाग के अनुसार आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा को एकात्मता प्रतिमा नाम दिया गया है। प्रतिमा को कमल के फूल के आकार के 27 फीट ऊंचे बेस पर खड़ा किया जाएगा। यह प्रतिमा अष्ट धातु की होगी।
आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के ठीक नीचे खाली स्थान को ध्यान केंद्र के लिए उपयोग किया जाएगा। साल 2018 में अखिल भारतीय एकात्म यात्रा में 23 हजार गांव से एकत्र धातुओं से प्रतिमा को तैयार किया जा रहा है। मूर्ती निर्माण का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है। यहां शंकर संग्रहालय, ग्रंथालय, सामाजिक विज्ञान और कला केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। अत्याधुनिक लेजर प्रोजेक्टर तकनीक द्वारा प्रकाश, जल और ध्वनि के सम्मिश्रण से ओंकारेश्वर के इतिहास, धार्मिक व पौराणिक महत्त्व का द्रश्यांकन भी यहां किया जाएगा।
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