हाइलाइट्स
पशुपालन विभाग द्वारा आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना की जा रही संचालित।
योजना के लाभ के लिए हितग्राही के पास 5 पशु और 1 एकड़ कृषि भूमि आवश्यक।
Acharya Vidyasagar Gausamvardhan Yojana : भोपाल, मध्यप्रदेश। पशुपालन विभाग के अंतर्गत आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना संचालित की जा रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य दुग्ध उत्पादन में वृद्धि, हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना, पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए योजना का लाभ किसानों को मिल सके, इसके लिए राज्य शासन द्वारा आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना बनाई गई।
पशु चिकित्सक विभाग ने बताया कि, योजना में सभी वर्ग के हितग्राही शामिल है। इस योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही के पास कम से कम 5 पशु और एक एकड़ कृषि भूमि होना आवश्यक है। पशुओं की संख्या में वृद्धि होने से अनुपातिक रूप से वृद्धि का न्यूनतम कृषि भूमि का निर्धारण किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना में सभी वर्ग के सीमांत एवं लघु कृषक योजना का लाभ ले सकते है।
पशुपालक किसान न्यूतनम 5 या इससे अधिक पशु की योजना स्वीकृत करा सकता है जिसमें अधिकतम सीमा राशि 10 लाख रूपए तक का ऋण स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। परियोजना की लागत का 75 प्रतिशत राशि बैंक ऋण के माध्यम से प्राप्त करनी होगी तथा शेष राशि 25 प्रतिशत की व्यवस्था स्वयं किसान हितग्राही के द्वारा मार्जिंन मनी सहायता एवं स्वयं के अंशदान के रूप में करनी होगी। इकाई लागत की 75 प्रतिशत पर या हितग्राही द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण पर जो भी कम हो 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से अधिकतम रूपए 25 हजार प्रतिवर्ष, ब्याज की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा 7 वर्ष तक की जाएगी। 5 प्रतिशत से अधिक शेष ब्याज की दर पर ब्याज की प्रतिपूर्ति हितग्राही को स्वंय करना होगी। योजना में सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम डेढ़ लाख और अनुसूचित जाति एवं जनजाति को लागत का 33 प्रतिशत अधिकतम 2 लाख की सहायता दी जाएगी। योजना की विस्तृत जानकारी के लिए उप संचालक पशु चिकित्सा कार्यालय में संपर्क कर प्राप्त की जा सकती है।
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