ग्वालियर, मध्य प्रदेश। किसी भी स्कूल या कॉलेज की शुरुआत करने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है और यह अनुमति प्रशासन द्वारा तय किए गए मापदंडों के आधार पर मिलती है। कई बार ऐसा होता है कि, कोई कॉलेज या स्कूल इस मापदंडों का पालन नहीं करता है तो ऐसे में उन स्कूल या कॉलेज की मान्यता ख़त्म कर दी जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ है ग्वालियर-चंबल अंचल के 70 नर्सिंग कॉलेजों के साथ। जी हां, यहां तय मापदंडों को पूरा न करने के चलते 70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी गई है।
70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त :
दरअसल, ग्वालियर-चंबल अंचल के 70 नर्सिंग कॉलेजों द्वारा कॉलेज के लिए तय किए गए नियमों और मापदंडो का पालन नहीं किया जा रहा था। जिसके चलते इन कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इनकी मान्यता रद्द कर दी गई है। इस मामले में हाइकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा इन कॉलेजों को फर्जी तरीके से मान्यता देने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की विभागीय जांच कराने के निर्देश जारी किये हैं। बता दें, नर्सिंग काउंसिल द्वारा ऐसा कहा गया था कि, पिछले और वर्तमान सत्र में 271 कॉलेजों को मान्यता दी गई है।
कोर्ट के आदेश :
बता दें, इस मामले में कोर्ट ने 24 अगस्त 2021 में आदेश दिए थे कि, 'वास्तविक स्थिति का पता करने के लिए आयोग बनाया जाए। इस पर नर्सिंग काउंसिल ने 30 सदस्यों की कमेटी बनाई जाये।' बता दें, बनाई गई इस कमेटी ने 200 कॉलेजों का निरीक्षण किया और काउंसिल रिपोर्ट कोर्ट को पेश की। कोर्ट ने इस रिपोर्ट के आधार पर ही इन 70 कॉलेजों की मान्यता रद्द की है। हालांकि, काउंसिल ने भी अपनी रिपोर्ट पेश की थी। नर्सिंग काउंसिल द्वारा नर्सिंग कॉलेजों की भी जांच करवाई है। उसके बाद ही यह कार्रवाई की गई है।
याचिकाकर्ता की मांग :
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में इन कॉलेजों को बंद करने की मांग करते हुए कहा कि, 'ऐसा नहीं किया गया तो अप्रशिक्षित हेल्थ वर्कर सामने आएंगे। इससे मानव जीवन पर भी खतरा हो सकता है। याचिकाकर्ता ने मांग की है जिन कॉलेजों की मान्यता निरस्त की है उनके विद्यार्थियों की मार्कशीट भी रद्द की जाए।' बता दें, इन नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ भिंड निवासी हरिओम द्वारा पिछले साल 2021 में जनहित याचिका दायर की गई थी।
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