भोपाल के वन विहार में बीते 2 साल में हुई 6 तेंदुओं की मौत
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Bhopal : वन विहार में हुई राजू की मौत, बीते 2 साल में हुई 6 तेंदुओं की मौत, अब बचे इतने

शुक्रवार को वन विहार में राजू नामक तेंदुआ मृत पाया गया है। भोपाल के वन विहार ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें बीते दो साल के दौरान हुई तेंदुओं की मौत और शेष बचे तेंदुओं की जानकारी दी गई है।
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भोपाल, मध्य प्रदेश। देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में पाए जाते है। वहीं, पिछले दिनों कई जगहों से बाघों के मरने कि खबरें सामने आई थी। वहीँ, यहां शुक्रवार की सुबह राजू नामक तेंदुआ मृत पाया गया है। उसकी जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क से तेंदुओं (leopards) की मौत से जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में जिसमें बीते दो साल के दौरान हुई तेंदुओं की मौत और शेष बचे तेंदुओं की जानकारी दी गई है।

राजू तेंदुआ पाया गया मृत :

बताते चलें, वन विहार नेशनल पार्क में गुरुवार की शाम एक राजू नामक नर तेंदुआ स्वस्थ अवस्था में था, लेकिन शुक्रवार की सुबह वह बाड़े की हाउसिंग में मृत पाया गया है। इस तेंदुए की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। शुक्रवार की दोपहर में उसका अंतिम संस्कार किया गया। वह विहार के कर्मचारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि, इस तेंदुए की उम्र 11 साल थी। उसे साल 2014 में महाराष्ट्र के ब्रम्हापुरी वन मंडल से वन विहार में शिफ्ट किया था। इस तेंदुए के विसरा के सेम्पल को जांच के लिए जबलपुर भेजा जाएगा।

वन विहार नेशनल पार्क की रिपोर्ट :

दरअसल, वन विहार नेशनल पार्क द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो सालों के दौरान वन विहार में कुल छह तेंदुओं की मौत हो चुकी है। वहीँ, अब वन विहार में मात्र आठ तेंदुए बचे हैं। इनमें से भी कुछ की उम्र 12 से 15 साल बताई जा रही है। जो कि, तेंदुओं की उम्र के औसत के करीब पहुंच चुकी है। हालांकि, बीते सालों में वन विहार नेशनल पार्क से बाघ, तेंदुए और सिंह की मौत से जुड़ी लगातार खबरें सामने आती रही हैं। यह पार्क प्रबंधन के लिए एक चिंता का विषय है।

रेस्क्यू करके लाए जाते है वन्यप्राणी :

बताते चलें, भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में कई तरह के वन्यप्राणी पाए जाते हैं। इन सभी को प्रदेश के अंदर व अन्य प्रदेशों से रेस्क्यू करके यहां लाकर रखा गया था। यहां इनका पूरा ध्यान रखा जाता है, समय से भोजन-पानी, रहने के लिए शेड आदि कि काफी अच्छी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा यहां जंगलों में जख्मी हुए जानवरों को भी इलाज के लिए लाया जाता है। इनमें से कुछ को खुले जंगल में शिकार करने में सक्षम नहीं होने के कारण पार्क में ही रख लिया जाता है। इनमें से कुछ जानवरों को पार्क के अंदर डिस्प्ले बाड़े में रखा जाता है, जहां ये पर्यटकों के देखने के भी काम आते है।

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