PMT Forgery Case: असली उम्मीदवार के बदले पीएमटी में बैठने वाले दो जालसाजों को 5 साल की सजा
इंदौर। मध्यप्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले से जुड़े पीएमटी फर्जीवाडे के मामले में विशेष अदालत ने दो आरोपियों को 5-5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। असली उम्मीदवार के बदले पुलिस भर्ती परीक्षा में बैठने वाले इन जालसाजों को यह सजा सुनाई। साथ ही इन पर 14-14 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक रंजन शर्मा ने बताया कि, विशेष सीबीआई जज संजय कुमार गुप्ता ने आरोपी वासुदेव पाठक और हरेंद्र सिंह को दोषी ठहराया है। साल 2013 में इन दोनों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।
इन दोनों को मध्यप्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम की समबध्द धाराओं के साथ भारतीय दंड विधान की धारा और अन्य प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया। मामले की जांच करने वाले सीबीआई ने विशेष अदालत में इन पर आरोप साबित किया कि वह 2013 में आयोजित प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) के दौरान परीक्षा केंद्र में मूल उम्मीदवार के स्थान पर बैठा था। विशेष लोक अभियोजक रंजन शर्मा ने सीबीआई की ओर से पैरवी करते हुए इन पर जुर्म साबित करने के लिए 35 गवाह पेश किए।
अभियोजन के मुताबिक फजीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब परीक्षा केंद्र में एक पर्यवेक्षक ने पाया कि इनके पास मिले प्रवेश पत्र पर नाम तो सही लिखा हुआ है, लेकिन इस दस्तावेज पर चस्पा फोटो इसके चेहरे से मेल नही खा रहा है। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2015 में दिए गए आदेश के तहत व्यापमं घोटाले से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई कर रहीं है। व्यावसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं की आयोजित प्रवेश और भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आने के बाद राज्य सरकार ने इसका आधिकारिक नाम बदलकर, प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड, कर दिया था।
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