रतलाम। कोविड -19 की इस महामारी में देश विकट परिस्थितियों से गुजर रहा है। जहां पूरे देश में लाॅकडाउन लगा हुआ वहीं रेल कर्मी अपने इस महामारी में भी रेलवे चलाने के लिए प्रतिबद्ध है। आवश्यक सेवाओं की पूर्ति के लिए रेल कर्मी दिन रात काम कर रहे । दवाईयां, आक्सीजन, किराना, सब्जियां आदि वस्तुओं पहुंचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार कार्य कर रहे हैं।
यह बात नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे मैन के महांमत्री डाॅ राघवैयया ने रेल मंत्री पियूष गोयल से मुलाकात में कही।
उन्होंने रेल मंत्री से कहा सैकडों की संख्या में रेल कर्मी डयूटी करते हुए संक्रमित हो चुके हैं। साथ ही कई कर्मचारी इस महामारी के कारण अपनी जान गवां कर चुके हैं।
डाॅ राघवैया ने रेल मंत्री को बताया कि रेल कर्मी फ्रंट लाईन स्टाफ होकर महामारी के समय में अपनी जान पर खेल कर काम कर रहे हैं। आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं को जरुरत मंदों को पहुँचाते हुए संक्रमित हो रहे हैं।
रेल मंत्री पियूष गोयल से की मुलाक़ात :
डाॅ राघवैया ने रेल मंत्री श्री पियूष गोयल से मुलाक़ात में यह मांग की जिस प्रकार कर्मचारी आन डयूटी उसकी मौत होती है तो नियमानुसार उसके परिवार हो 25 लाख रुपये दिए जाते हैं। कोरोना काॅल में भी कर्मचारी डयूटी पर संक्रमित हो रहे हैं जिसके कारण कई कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। कोविड से हुई कर्मचारियों की मौतों पर कर्मचारियों के परिवार को उक्त राशि दी जानी चाहिए। कोविड में हुई कर्मचारियों की मौत पर उनके परिवारजनों पर शीघ्र ही अनुकम्पा नियुिक्त प्रदान की जानी चाहिए व उक्त राशि का भुगतान करना चाहिए।
बता दें, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने डाॅ राघवैया को आश्वसान दिया है कि, 'शीघ्र ही इस विषय पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा।'
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