नई दिल्ली। देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए वित्त उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय निवेश एवं इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) की बहुसंख्यक हिस्सेदारी से निर्मित दो इंफ्रास्ट्रक्चर गैर बैंकिंग फाइनेशियल कंपनियों को लोन बुक तीन वर्षाें में बगैर किसी एनपीए के 4200 करोड़ रुपये से बढ़कर 26 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में हुई एनआईआईएफ की संचालन परिषद की बैठक में यह जानकारी दी गई है। वित्त मंत्रालय द्वारा आज यहां जारी बयान के अनुसार एनआईआईएफ इस दौरान अंतरराष्ट्रीय विश्विसनीय एवं व्यावसायिक निवेश प्लेटफॉर्म बन गया है। इसमें केन्द्र सरकार के साथ ही कई वैश्विक और घरेलू निवेशकों ने निवेश किया है।
इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने एनआईआईएफ से कहा कि अब तक जाे काम किये गये हैं उसे प्रदर्शित करने के साथ ही अपने परिचालन को बढ़ावा देने के लिए भारत के आकर्षक निवेश तत्वों का लाभ उठाना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इसके दलों को उन दलों के साथ लगातार संपर्क में रहने के लिए कहा है कि जो भारत में निवेश को इच्छुक हैं। उन्होंने (Nirmala Sitharaman) एनआईआईएफ को राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइप लाइन, पीएम गति शक्ति और राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर गलियारे के लिए व्यावसायिक पूंजी उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने के लिए कहा है।
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