जानिए सोशल मीडिया पर क्यों छिड़ा जवाहर पॉइंट और शिव शक्ति पॉइंट को लेकर विवाद?
हाइलाइट्स :
साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्रयान प्रोग्राम की शुरुआत की थी।
22 अक्टूबर 2008 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-1 मिशन लॉन्च किया गया था।
चंद्रयान-1 चाँद के दक्षिणी ध्रुव के पास क्रेश हो गया था।
राज एक्सप्रेस। भारत के चंद्रयान-3 ने चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर यह साबित कर दिया है कि भारतीय वैज्ञानिक हर मामले में सबसे आगे हैं। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चाँद पर उतर चुका है और इसके साथ ही अब रोवर ने भी चाँद की जमीन पर भारत देश की छाप छोड़ना शुरू कर दिया है। यही नहीं चंद्रयान-3 के लैंडर ने चाँद पर जिस जगह कदम रखा है उस पॉइंट को शिव शक्ति नाम दिया गया है। यही नहीं जिस जगह पर चंद्रयान-2 का लैंडर क्रेश हुआ था, उस जगह को तिरंगा के नाम से जाना जाएगा। लेकिन इस बीच चाँद पर पहले से मौजूद एक और पॉइंट जवाहर पॉइंट को लेकर विवाद होता नजर आ रहा है। तो चलिए जानते हैं यह पूरा मामला क्या है?
क्या है यह पॉइंट?
दरअसल यह एक वैज्ञानिक धारणा है कि जिस जगह भी लैंडर उतरता है उस जगह को एक खास नाम दिया जाता है और आगे उस पॉइंट को उसी नाम से जाना जाता है। ऐसे में चाँद पर भी लैंडर के उतरने वाली जगह को शिव शक्ति और तिरंगा नाम दिया गया है। हालाँकि यहाँ पहले से ही एक और पॉइंट मौजूद है जिसे जवाहर पॉइंट के नाम से जाना जाता है।
जवाहर पॉइंट के पीछे का किस्सा
सबसे पहले साल 2003 के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्रयान प्रोग्राम की शुरुआत की थी। जिसके बाद साल 22 अक्टूबर 2008 में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-1 मिशन लॉन्च किया गया था। इस यान ने 8 नवम्बर को चाँद की कक्षा में प्रवेश किया लेकिन 14 नवम्बर को चंद्रयान-1 चाँद के दक्षिणी ध्रुव के पास क्रेश हो गया। इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु का जन्मदिन भी था। इसलिए इस पॉइंट को जवाहर पॉइंट नाम दिया गया।
क्यों हो रहा है विवाद?
दरअसल एक ओर जहाँ चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 के लैंडर वाली की जगह को शिव शक्ति और तिरंगा जैसे राष्ट्र और लोगों की भावनाओं से जुड़े नाम दी गए हैं। लेकिन उसी जगह पर चंद्रयान-1 के लैंडर वाली जगह को व्यक्ति विशेष का नाम दिया गया है। ऐसे में कई बीजेपी नेताओं और अन्य लोगों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा अपने परिवार को अहमियत दी है। जबकि वहीं बीजेपी ने राष्ट्र को आगे रखा हैं। इस विवाद को लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से भी तरह-तरह के जवाब सामने आ रहे हैं और सोशल मीडिया पर यह विवाद गर्माता नजर आ रहा है।
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