जानिए कब तिरंगे को अपनाया गया था राष्ट्रीय ध्वज के रूप में? क्या है इसका इतिहास?
हाइलाइट्स :
1921 के दौरान पिंगली वैंकेया ने राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण किया था।
राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण से पहले 30 से भी अधिक देशों के राष्ट्रीय ध्वजों का अध्ययन किया गया।
22 जुलाई 1947 को तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में मान्यता मिली थी।
राज एक्सप्रेस। देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हर भारतीय की ना केवल पहचान बल्कि सम्मान का प्रतीक है। तिरंगे से हम सभी की आन-बान-शान जुड़ी हुई है। हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश में महामहिम और प्रधानमंत्री तिरंगा फहराकर देश की आजादी का जश्न मनाने की शुरुआत करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज कब बनाया गया था? और किसने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर तैयार किया था? चलिए जानते हैं तिरंगे से जुड़ी इनबातों को विस्तार से।
किसने तैयार किया था राष्ट्रीय ध्वज?
दरअसल साल 1921 के दौरान पिंगली वैंकेया नाम के एक व्यक्ति के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण किया गया था। लेकिन उनके लिए भी यह काम इतना आसान नहीं था। क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज पूरे राष्ट्र का प्रतीक होता है। इसके लिए पिंगली वैंकेया ने दुनियाभर के करीब 30 से भी अधिक देशों के राष्ट्रीय ध्वजों का अध्ययन किया गया। इस काम को करने में उन्हें साल 1916 से 1921 तक का समय लगा। जिसके बाद हमारे देश को तिरंगा मिला।
केसरिया नहीं लाल था रंग
हालाँकि उस समय जो तिरंगा बनाया गया था उसमें लाल, हरा और सफेद रंग देखने को मिलते थे। लेकिन जब साल 1931 में प्रस्ताव पारित हुआ तो तिरंगे से लाल रंग को हटाकर उसकी जगह पर केसरिया रंग कर दिया गया। वहीँ अशोक चक्र की जगह भी चरखे को लगाया गया था।
तिरंगा कब बना राष्ट्रीय ध्वज?
आज ही के दिन यानि 22 जुलाई 1947 को तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में मान्यता मिली थी। यह मान्यता ऐसे समय में दी गई थी जब भारत आजादी से महज कुछ ही कदमों की दूरी पर खड़ा था। साल 1947 में भारतीय संविधान की बैठक के दौरान तिरंगे के वर्तमान स्वरूप को अपनाया गया और स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे को लहराया गया।
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