असम की लडकियों की कहानी
असम की लडकियों की कहानीSocial Media

असम की लड़कियों की कहानी: जिन हाथों में किताबें होना चाहिए, उनके गोदी में बच्चे और चूल्हा-चौके की जिम्मेदारी

असम में कम उम्र में बालिकाओं के विवाह करने से, बीते पांच दशक में राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर बहुत तेजी से बढ़ने लगी है।
Published on

हाइलाइट्स:

  1. असम ऐसा राज्य है, जहां सबसे ज्यादा बाल विवाह, एक लाख नाबालिकों की हुई शादी

  2. 32 फीसदी बालिकाओं को बांध दिया जाता है विवाह बंधन में

  3. मातृ व शिशु मृत्यु दर ने असम सरकार की नींद हराम की

जिन हाथों में किताबें होना चाहिए थी, उनके गोद में एक- दो बच्चें खेल रहे है और उनका अधिकांश समय चुल्हा चौके की जिम्मेदारी निभाने में बीत जाता है। इन सबके बीच किस्मत अच्छी रही तो बच्चे को जन्म देते समय मौत नहीं आएगी वरना ज्यदातर अपने बच्चे का चहेरा देखे बिना ही इस दुनिया को अलविदा ही कह देती है। मौत को सामने देख निशचित ही उनके बोले, यही होते होंगे कि अगले जनम मोह बिटिया न किजिओं अगर किजियो तो असम में बिल्कुल न भेजियों ईश्वर...।

कहानी शुरू होती है असम में कम उम्र में बालिकाओं के विवाह करने से, बीते पांच दशक में असम में लाखों की संख्या में कम उम्र की लडकियों की शादी कर दी गई, इसका दुष्परिणाम यह हुआ की मातृ और शिशु मृत्यु दर बहुत तेजी से बढ़ने लगी है। हाल ही में असम ऐसा राज्य बन गया जहां सबसे ज्यादा बाल विवाह होते है। सरकारी रिकार्ड के अनुसार यहां कुछ ही अर्से में लगभग एक लाख बाल विवाह किए गए, जबकि इनकी संख्या तीन लाख से भी अधिक बताई जाती है।

राज्य में सबसे अधिक मातृ व शिशु मृत्यु दर ने सरकार की नींद को तोड़ा है, आंकडो ने असम को दुनिया के नक्शे पर लड़कियो की क्रबगृह के रूप में बदनामी का दाग दिया। सबसे अधिक मातृ व शिशु मृत्यु दर के पीछे बाल विवाह मुख्य वजह है, जिसकी वजह से अब सरकार के बाल विवाह करने वालों पर पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए है। अब तक आठ हजार से भी अधिक प्रकरण दर्ज हुए और 2170 से अधिक आरोपियों की गिरफ्तार किया गया है। पुलिस प्राथमिकी संख्या ने देश में बाल विवाह जैसी कुरीति को समाप्त होने के यकीन को ठेस पहुंचाई है।

इन जिलो में सबसे अधिक बाल विवाह

असम राज्य के सभी इलाकों में बाल विवाह होते है, लेकिन पुलिस रिकार्ड के अनुसार सबसे अधिक बाल विवाह होजई,गुवाहाटी, उदालगुड़ी जिले में हुए है। इन जिलों में बाल विवाह करने पक्ष में काफी मजबूत महौल है। इन जिलों से कई कम उम्र के लड़को को सुधार गृह भेजा गया है। यही हाल रहा तो अगले दो—तीन दिन में असम के सुधार गृह फुल हो जाएगे और लड़को को संभालने का संकट खड़ा हो जाएगा।

असम में मातृ मृत्यु दर

देश के बाकि राज्यों की तुलना में असम में सबसे अधिक मातृ मृत्यु दर है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्रति लाख जीवित जन्मों पर 195 मृत्यु दर्ज की गई। यही आंकड़े मातृ मृत्यु दर पर विशेष बुलेटिन में जारी किए गए है। राज्य में शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। मातृ मृत्यु दर की मुख्य वजह कम उम्र में विवाह है, विवाह के बाद कम उम्र में ही लड़कियां गर्भधारण कर लेती है। असम में कम उम्र में बालिकाओं के विवाह करने का प्रतिशत 32 फीसदी है।

सरकार के नियम पर शक

सरकार ने बाल विवाह रोकने के लिए अब सख्त रूख अपनाते हुए पुलिस से कार्यवाही करने को कहा है। पुलिस द्वारा दो दिन में हजारों प्रकरण दर्ज करने राज्य की कुल आबादी का 34 फीसदी मुसलमान वर्ग को सरकार की नियत पर शक है। यहां के मुसलमान समाज के नेताओं का कहना है कि सरकार सिर्फ मुसलमानों को टारगेट कर रही है,जबकि राज्य में अन्य सुमदाय के लोग भी बाल विवाह करने में शामिल है।

बता दें वर्तमान में असम में बाल विवाह से संबंधित 4,074 मामले दर्ज़ किए गए जबकि 8,134 लोगों की पहचान आरोपी के रूप में की गई है। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया, आज सुबह तक 2,211 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। हमें लगभग 3,500 लोगों को गिरफ्तार करना होगा।

असम में आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं

  • बालिकाओं का बाल विवाह — 32%

  • असम में महिलाओं में एनीमिया— 60%

  • असम में मातृ मृत्यु दर— 195 (प्रति लाख जन्मों पर)

  • असम की कुल आबादी — 3.1 करोड़( जनगणना 2011) 04 करोड (2023)

  • साक्षरता दर— 72.19 फीसदी

  • लिंगानुपात — 958 (प्रति हजार)

  • हिन्दू आबादी — 64.90 फीसदी

  • मुसलमान आबादी 34 फीसदी

  • जनजातियों की आबादी 15 से 20 फीसदी

  • ईसाई आबादी 3.70 फीसदी

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com