सांप्रदायिक विभाजन के झांसे में न आएं : उमर
जम्मू। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लोगों को विभाजनकारी ताकतों के शिकार होने के खिलाफ आगाह करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के अक्षम्य लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों की बहाली के लिए एकता की स्थापना एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
श्री अब्दुल्ला ने सोमवार को किश्तवाड़ में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''हमें जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक क्षेत्र से दूर करने के प्रयासों में 1953 के बाद से कोई कमी नहीं आई है। हमने हर दशक में बर्खास्तगी, दलबदल और तख्तापलट का सामना किया है, चाहे वह 53, 75, 84 या 90 में हो।"
उन्होंने कहा, ''इतिहास हम पर इस तरह के हमलों से भरा पड़ा है। हाल ही में लोगों के समर्थन ने हमारी पार्टी को उजाड़ने के उनके मंसूबों से दूर कर दिया। मुझे और मेरे अधिकांश साथियों को महीनों तक बंदी बनाकर रखना पूरी तरह से निष्फल साबित हुआ।"
उन्होंने कहा कि सभी बाधाओं और धमकियों का सामना करते हुए, यहां तक कि डोडा के सुदूर गांव में रहने वाले आखिरी व्यक्ति ने भी हमारा समर्थन किया। उन्होंने कहा, ''लोगों ने उन लोगों को गलत साबित करने के लिए इसे अपने ऊपर ले लिया जिन्होंने हमें चाहा था। हमें जम्मू कश्मीर के कोने-कोने से लोगों से जो समर्थन मिला है, वह इस तथ्य का प्रत्यक्ष प्रमाण है।"
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