राज एक्सप्रेस। पिछले साल 2019 में 14 फरवरी को हुए 'पुलवामा हमले' को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है, यह अहम खुलासा हमले में इस्तेमाल किये गए घातक विस्फोटक को लेकर है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दावा किया गया है।
क्या है NIA का दावा?
दरअसल, NIA का दावा है पुलवामा के फिदायीन हमले में 'इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस' (IED) बनाने के लिए जिस केमिकल का इस्तेमाल हुआ था, उसे ई-कॉमर्स की वेबसाइट Amazon (अमेजन) का सहारा लेते हुए ऑनलाइन मंगाया गया था।
हमले के मामले में अब तक 5 आरोपी अरेस्ट :
हमले के इस मामले को लेकर NIA अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और अब NIA ने कश्मीर में रहने वाले दो ओर लोगों को अरेस्ट किया है। एनआईए प्रवक्ता ने अरेस्ट किए गए दो लोगों के नाम भी बताए हैं, इनमें से एक का नाम वैज उल इस्लाम 19 वर्षीय और दूसरे का नाम मोहम्मद अब्बास राथेड़ 32 वर्षीय है, जो पुलवामा के हाकरीपोरा का रहने वाला है। तो वहीं वैज उल इस्लाम श्रीनगर में ही लंबे समय से जैश के लिए काम कर रहा था। उसने जैश के आतंकी और आईईडी एक्सपर्ट मोहम्मद उमर को अपने घर में पनाह दी थी। उमर अप्रैल-मई 2018 में कश्मीर आया था।
वैज और राथेड़ ने बताई यह अहम बात :
एनआईए प्रवक्ता के मुताबिक, अरेस्ट किए गए दो लोगों (वैज उल इस्लाम और मो. अब्बास राथेड़) ने पुलवामा हमले के बारे में शुरुआती जांच में अहम खुलासे करते हुए यह बातें बताई और दोनों ने खुद यह कबूल भी किया है। जानें आखिर क्या बोले दोनों आरोपी-
बता दें कि, अभी 3 दिन पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आरोपियों को पनाह दिए जाने के आरोपों के चलते हाकरीपोरा इलाके से ट्रक ड्राइवर और उसकी बेटी यानी पिता-पुत्री को गिरफ्तार किया था।
जानकारी के लिए बताते चलें कि, पिछले साल 2019 में 14 फरवरी को CRPF काफिले पर पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बेहद खतरनाक हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 40 भारतीय जवानों की मौत हो गई थी।
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