‘बैक टू विलेज’ चुनौतियों से निपटने का रास्ता दिखाता है : मनोज सिन्हा
हाइलाइट्स :
बैक टू विलेज अभियान एक और बड़ा संदेश देता है कि जनभागीदारी के माध्यम से कई चुनौतियों से निपटा जा सकता है।
हमें अपने गांवों की विकास यात्रा में आपसी सहयोग को एक स्थायी विशेषता बनाना चाहिए।
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कहा कि भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार और सबसे महान समाज सुधारकों में से एक डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने संविधान सभा में कहा था कि सामाजिक लोकतंत्र का अर्थ है वह जीवन जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को जीवन के सिद्धांतों के रूप में मान्यता देना है।
मनोज सिन्हा ने इस महीने के ‘आवाम की आवाज’ कार्यक्रम के दौरान डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के आदर्शों के आधार पर न्यायसंगत और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए जम्मू-कश्मीर यूटी प्रशासन के संकल्प को दोहराया। बाबा साहब ने अपने भाषण के माध्यम से देश का ध्यान सामाजिक समानता की ओर आकर्षित किया था। उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस पोषित लक्ष्य को साकार किया जा रहा है और रिकॉर्ड 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं।
उन्होंने कहा कि बैक टू विलेज अभियान, केन्द्रशासित प्रशासन का एक अनूठा प्रयास है, जो गांवों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने की परिकल्पना करता है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव लाना और गांवों को जम्मू-कश्मीर के विकास की एक जीवंत शक्ति बनाना है।
उपराज्यपाल ने कहा, “बैक टू विलेज अभियान एक और बड़ा संदेश देता है कि जनभागीदारी के माध्यम से कई चुनौतियों से निपटा जा सकता है। हमें अपने गांवों की विकास यात्रा में आपसी सहयोग को एक स्थायी विशेषता बनाना चाहिए।”
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