70 साल बाद अनुच्छेद 370 समाप्‍त, कश्मीर अब अति विशेष राज्य नहीं

आर्टिकल 370 और 35A हटने के बाद जम्‍मू-कश्मीर अब भारत का अभिन्न अंग यानी एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, जिसमें अमित शाह और मोदी का था योगदान।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब केंद्र शासित प्रदेश
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब केंद्र शासित प्रदेश Syed Dabeer Hussain - RE
Published on
Updated on
4 min read

राज एक्‍सप्रेस। इतिहास में बदलने वाले फैसले जिसका लोग काफी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, सरकार इस मामले पर क्‍या बड़ा फैसला लेगी या ऐसे ही चलता रहेगा, लेकिन आज 5 अगस्‍त को सभी का इंतजार खत्‍म हो चुका है, क्‍योंकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाकर इतिहास रच दिया है। जी हां हम अनुच्छेद 370 की ही बात कर रहे हैं, जो अब कश्‍मीर अति विशेष राज्‍य नहीं, बल्कि एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया है।

देश के अहम नेताओं का सपना साकार :

जम्मू-कश्मीर में मची गहमागहमी, सैन्य अफसरों की हलचल व कश्‍मीर में धारा लागू 144 के बीच मोदी सरकार ने आज आर्टिकल 370 और 35A हटने के बाद सबको हैरान कर दिया व देश के अहम नेताओं के सपनों को साकार करते हुए और जो 70 सालों में न हो पाया वो आज कर दिखाया हैं। घाटी को धारा 370 के जरिए जो भी विशेषाधिकार मिले हुए थे व घाटी से दिल्ली तक अभी तक बनी असमंजस की स्थिति आज लगभग समाप्‍त हो चुकी है। आर्टिकल 370 और 35 ए हटने के बाद जम्‍मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया है।

राज्यसभा में ये अहम संकल्प हुए पेश :

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद के संवैधानिक आदेश के बाद मोदी सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की घोषणा की गई, फिर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने जम्‍मू-कश्‍मीर को लेकर राज्यसभा में ये 3 अहम संकल्प पेश किए।

  • पहला संकल्प जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्छेद 370 खत्‍म करना।

  • दूसरा संकल्प लद्दाख को जम्‍मू-कश्‍मीर से अलग करना।

  • तीसरा संकल्‍प जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश करना।

सदन में बोले अमित शाह :

गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा- "जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 के खंड एक को छोड़कर सभी प्रावधानों को खत्‍म कर दिया गया है।" उनके इस बयान के बाद राज्‍यसभा में राजनीतिक दलो में जमकर हंगामा हुआ। कई लोग मोदी सरकार के इस फैसले से खुश है, तो कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं विपक्षी पार्टी के नेताओं का कहना है कि, यह असंवैधानिक है और हम इसका विरोध करते हैं, तो वहीं कुछ राजनेता इसे एक देश-एक संविधान बता रहे हैं एंंव भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए आज का दिन काफी गौरवशाली है।

अनुच्छेद 370 का खंड-1 अभी भी लागू :

जम्‍मू-कश्मीर में अभी पूरी तरह से अनुच्छेद 370 नहीं हटा है, खंड-1 अब भी कायम हैं। अब अनुच्छेद 370 का सिर्फ खंड-1 लागू रहेगा और अनुच्छेद के शेष खंड समाप्त कर दिए गए हैं। वैसे खंड-1 भी राष्ट्रपति द्वारा लागू किया गया था, जो राष्ट्रपति द्वारा कभी भी हटाया जा सकता है। बता दें कि, ये खंड राष्ट्रपति को जम्मू-कश्मीर के बंटवारे का अधिकार प्रदान करता है। यहां हम आपको ये भी बता दें कि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव 2019 में अपने संकल्प पत्र में जम्मू-कश्मीर के मसले पर वादे किए थे और उसी कड़ी में मोदी सरकार ने दोबारा सत्‍ता हासिल कर अपने चुनावी वादों को पूरा कर दिखाया है। अब देश में एक विधान, एक निशान यानी कश्‍मीर से कन्‍याकुमारी तक एक संविधान और एक राष्‍ट्रध्‍वज लहराएंगा।

7 केंद्र शासित प्रदेश से अब हुए 9 :

जम्मू- कश्मीर पर सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में अभी तक 7 नाम शामिल थें, लेकिन अब 2 नाम और जुड़ चुके है, तो आइये यहां हम अब ये भी जान ही लेते है कि, अभी तक कौन- कौन से 7 नाम केंद्र शासित प्रदेश की सूची में थें और अभी कौन से 2 नाम जुड़ें हैं।

पहले केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में ये 7 नाम थे जो इस प्रकार हैं - राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह, चण्डीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप, पुदुच्चेरी। इसके अलावा ये 2 नाम- पहला जम्मू कश्मीर और दूसरा लद्दाख, ये भी केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में शामिल हो चुके हैं एवं इसकी संख्‍या अब कुल मिलाकर 9 हो गई हैं।

क्या है अनुच्छेद 370 :

अब बात यह आती है कि, आखिर ये अनुच्छेद 370 है क्‍या, तो यहां हम आपको बता दें कि, ये अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है। 26 अक्टूबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर के राजा हरि सिंह ने विलय संधि पर दस्तखत किए थे और उसी समय से अनुच्छेद 370 की नींव पड़ गई थी। इसके प्रावधानों के मुताबिक, केंद्र को जम्मू-कश्मीर के मामले में रक्षा, विदेश और संचार सिर्फ इन 3 मामलों में दखल का अधिकार मिला था। इन 3 मामलों के अलावा किसी कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी लेनी होती है। अनुच्छेद 370 को पहली बार 17 अक्टूबर 1949 को भारतीय संविधान में जोड़ा गया।

घाटी में क्या-क्‍या बदला :

अब आगे हम बात करते है कि, अनुच्छेद 370 पर सरकार के ऐतीहासिक फैसले के बाद से घाटी में क्या-क्‍या बदलाव आएंगे, तो आइये एक नजर हम यहां पर भी डाल ही लेते है...

  • धारा 370 हटाने के साथ ही अब भारत का पूरा संविधान जम्मू-कश्मीर में लागू होगा।

  • जम्मू-कश्मीर अब दिल्ली राज्‍य की तरह विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा, अब यहां पर भी चुनाव होंगें व सरकार होंगी।

  • भारत का तिरंगा अब कश्मीर में भी शान से लहराएगा, अब वहां के लोग भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का सम्मान करेंगे।

  • अभी तक अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का था, लेकिन अब देश की तरह यहां भी सिर्फ 5 साल के लिए विधानसभा का कार्यकाल होगा।

  • इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में वोट का अधिकार सिर्फ वहां के स्थायी नागरिकों को ही था, लेकिन अब भारत के नागरिक भी वहां के वोटर और प्रत्याशी बन सकते हैं।

  • 17 नवंबर 1956 को जम्मू-कश्मीर ने अपना जो संविधान पारित किया था, वह अब पूरी तरह समाप्‍त हो गया हैं।

  • अब जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों की दोहरी नागरिकताएं भी खत्‍म हो जाएगी।

  • धारा 370 के खत्म होते ही दूसरे राज्यों के लोग भी जम्‍मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकेंगे।

  • अगर देश में आपातकाल या आर्थिक आपातकाल घोषित होगा तो ये कश्मीर में भी लागू होगा।

कश्‍मीर में धारा 144 लागू :

हालांकि, कश्‍मीर में धारा 144 लगी हुई हैं, पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगी है, सिर्फ सुरक्षाबलों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं, ताकि किसी भी स्थिति को संभाला जा सके। अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि, ये धारा 144 है क्‍या, तो हम आपको बता दें कि, धारा 144 शांति व्यवस्था को बनाये रखने के लिए लगाई जाती है। जो कल रात से जम्मू-कश्मीर में लागू की गई हैं, साथ ही साथ कई राजनेताओं को नजरबंद भी कर दिया गया हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com