‘अहिंसा’ दुनिया को संघर्ष की निरर्थकता का एहसास करा रही : मनोज सिन्हा
जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को यहां कन्वेंशन सेंटर में ‘इंडिया@जी20’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘अहिंसा’ हमारी महान सभ्यता में गहराई से निहित है, दुनिया को संघर्ष की निरर्थकता और संवाद की उपयोगिता का एहसास करा रही है।
सम्मेलन का आयोजन आईआईएम जम्मू, आईआईटी जम्मू, एम्स जम्मू द्वारा दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीआईसीसीआई) के सहयोग से एक समावेशी और टिकाऊ समाजीज बनाने के लिए प्राथमिकताओं, संभावनाओं और आगे बढ़ने के तरीके पर विचार-विमर्श करने के लिए किया गया था।
उन्होंने कहा, “मानवता की आकांक्षाओं को केवल शांति की स्थिति में ही पूरा किया जा सकता है। और, मेरा दृढ़ विश्वास है, 'अहिंसा' हमारी महान सभ्यता में गहराई से निहित है, दुनिया को संघर्ष की निरर्थकता और संवाद की उपयोगिता का एहसास करा रही है।” उपराज्यपाल ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान, हरित, त्वरित, समावेशी और सतत विकास सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं और दुनिया हमें कोविड, जलवायु परिवर्तन और संघर्ष की चुनौतियों से निपटने की आशा के साथ देख रही है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दुनिया को एक नई दृष्टि दी कि जलवायु परिवर्तन को अकेले सम्मेलन की मेज से नहीं लड़ा जा सकता है, लेकिन इसे हर घर में खाने की मेज से लड़ना होगा। यह सतत और समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा”
श्री सिन्हा ने वैश्विक समृद्धि और सभी के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विकासात्मक गतिविधियों और पर्यावरण संरक्षण के बीच तालमेल पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि पारिस्थितिक सुरक्षा से आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और हमारी सामाजिक विकास पहलों को मजबूती मिलेगी।
उन्हाेंने कहा, “भारत जलवायु भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण और रचनात्मक भूमिका निभाएगा और शमन, अनुकूलन और पर्यावरण प्रबंधन प्रणालियों के लिए कार्य योजना को आकार देगा। भारत पर्यावरण की दृष्टि से सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में दुनिया का मार्गदर्शन करेगा।”
उपराज्यपाल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने समतामूलक विकास के लिए दुनिया को एक नया सामाजिक मॉडल दिया है। उन्होंने कहा कि आत्म-निर्भर भारत, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया ने तीव्र तथा सतत विकास के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान किया है।
श्री सिन्हा ने कहा जी-20 दुनिया की 60 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 75 फीसदी हिस्सा है। मुझे विश्वास है कि भारत की जी20 अध्यक्षता वैश्विक संबंधों को नई गति देगी और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना को मजबूत करेगी”
मुख्य सचिव डॉ अरुण कुमार मेहता ने भी अपने विचार साझा किए और भारत के जी20 लक्ष्यों को पूरा करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
डॉ. मिलिंद कांबले अध्यक्ष, बीओजी , आईआईएम जम्मू; डॉ. शरद सराफ, अध्यक्ष, बीओजी, आईआईटी जम्मू; प्रोफेसर वाईके गुप्ता, अध्यक्ष एम्स जम्मू; प्रोफेसर बीएस सहाय, निदेशक आईआईएम जम्मू; प्रोफेसर शक्ति गुप्ता, कार्यकारी निदेशक, एम्स जम्मू; प्रो मनोज सिंह गौर, निदेशक, आईआईटी जम्मू, देश भर के प्रतिनिधियों के अलावा, प्रमुख नागरिक और छात्र उपस्थित थे।
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