बांग्लादेश के निर्माण से लेकर परमाणु परीक्षण तक, इंदिरा गाँधी के इन 5 फैसलों ने देश को दी नई दिशा
राज एक्सप्रेस। आज पूरा देश भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को उनकी 105वीं जयंती पर श्रद्धा नमन कर रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी सहित देश के तमाम लोगों ने इस मौके पर इंदिरा गाँधी के कार्यों और उनके बलिदान को याद किया। इंदिरा गाँधी को आज भी एक सशक्त महिला प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाता है। लोग उन्हें ‘आयरन लेडी’ भी कहते हैं। इंदिरा गाँधी की इस छवि के पीछे उनके द्वारा लिए गए कुछ ऐसे फैसले हैं, जिसके आगे दुनिया ने घुटने टेक दिए थे। तो चलिए आज हम इंदिरा गाँधी के ऐसे ही 5 बड़े फैसलों के बारे में जानेंगे, जिसने देश को एक नई दिशा दी।
बांग्लादेश का निर्माण :
इंदिरा गाँधी ने ही पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों से छुटकारा दिलाया और दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश नाम के देश का उदय हुआ। साल 1971 में इंदिरा गाँधी ने साहसिक फैसला लेते हुए दुनिया की परवाह किए बिना भारतीय सेना को युद्ध के मैदान में खुली छूट दी और पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए।
परमाणु परीक्षण :
अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय दबाव को दरकिनार करते हुए इंदिरा गाँधी ने 18 मई 1974 को राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण करके दुनिया को चौंका दिया। यह भारत को परमाणु सम्पन्न देश बनाने की ओर पहला कदम था। हालाँकि इस परीक्षण के चलते अमेरिका ने भारत पर कई प्रतिबंध भी लगाए थे, लेकिन इंदिरा गाँधी ने इसकी कोई परवाह नहीं की।
ऑपरेशन ब्लूस्टार :
इंदिरा गाँधी ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए हमेशा सख्त रूप अपनाया। उन्होंने पंजाब से आतंकवाद का सफाया करने के लिए पवित्र धार्मिक स्थल स्वर्णमंदिर में ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाने की इजाजत दे दी। ऐसा वहां से उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए किया गया था। इस ऑपरेशन का बदला लेने के मकसद से ही आगे चलकर इंदिरा गाँधी की हत्या की गई थी।
बैंकों का राष्ट्रीयकरण :
इंदिरा गाँधी ने 19 जुलाई 1969 को एक अध्यादेश के जरिए देश के 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। इससे इन बैंकों का मालिकाना हक सरकार के पास चला गया। ऐसा इंदिरा गाँधी ने आर्थिक समानता को बढ़ावा देने के लिए किया था।
आपातकाल :
इंदिरा गाँधी के तमाम अच्छे फैसलों के बीच एक फैसला ऐसा भी है, जिसके लिए उनकी आज भी आलोचना की जाती है। दरअसल इंदिरा गाँधी ने साल 1975 से 1977 के बीच 19 महीनों के लिए देश में आपातकाल लगा दिया था। इसके बाद इंदिरा गाँधी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले सभी लोगों को जेल में डाल दिया गया था। इंदिरा गाँधी का यह फैसला आज भी कांग्रेस नेताओं को असहज कर देता है।
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