Budget 2022 : आज मंगलवार 1 फरवरी 2022 की सुबह 11 बजे वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद भवन में इस साल का बजट पेश किया। इस साल के बजट में कई बड़ी सौगातें मिलीं तो कई करों में कटौती हुई। इस साल का बजट देश में कई तरह के बदलाव लेकर आया है। इन बदलावों के बाद यानी बजट पेश होने के बाद देश के कई बड़े-छोटे और दिग्गज नेता अपनी प्रतिक्रिया देते नजर आए।
BJP प्रदेश अध्यक्ष की प्रतिक्रिया :
आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार को संसद में ऐतिहासिक बजट पेश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का स्वागत करते हुए धन्यवाद दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, "देश को आने वाले 25 वर्षों में प्रगति, आत्मनिर्भर और समृद्ध बनने के लिए इस बजट में प्रावधान किये गये हैं। देश की आर्थिक व्यवस्था को गति देने के साथ रोजगार के अवसरों पर बड़े पैमाने पर जोर दिया गया है। देश को प्रेरित गृह उद्योगों से आत्मनिर्भर बनाने और सभी क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक का उपयोग करके प्रगति करने के लिए भी सरकार बजट में प्रावधान किया है। सहकारी क्षेत्र के वैकल्पिक न्यूनतम कर को अन्य कंपनियों के अनुसार 18.5 से घटाकर 15% करना बहुत जरूरी था। इसी प्रकार सहकारी संस्थाओं पर अधिभार 12 से घटाकर सात प्रतिशत किया गया, जिससे राज्य के सहकारी क्षेत्रों को लाभ होगा और जिससे निजी क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा करना आसान हो जाएगा।"
पाटिल ने अधिभार घटने के लिए नये सहकारिता मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया। डिजिटल करेंसी, किसान ऋण, वंचित वर्ग के छात्रों को अच्छी शिक्षा दिलाने, शिक्षा चैनल, डिजिटल विश्वविद्यालय और ई-पासपोर्ट समेत सभी राज्यों के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान करना एक कल्पनाशील और उपयोगी अवधारणा थी।
द्रमुक की बजट को लेकर प्रतिक्रिया :
द्रविड मुनेत्र कषगमन (द्रमुक) नेता तिरुचि शिवा ने मंगलवार को बजट पेश करने के बाद कहा कि, "आम बजट 2022-23 में गरीबों और किसानों के लिए कुछ भी नहीं है, इसमें केवल निजी क्षेत्र को आगे बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है। यह बजट बेहद निराशाजनक है। सरकार ने केवल निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया है। आंकड़े यह बताते हैं कि पहले निजी क्षेत्र से निवेश नहीं आया है, तो फिर निजी क्षेत्र को अधिक प्रोत्साहन क्यों दिया जा रहा है जिन्होंने अपेक्षित स्तर तक निवेश नहीं किया है?"
द्रमुक ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में विनिवेश को लेकर भी सरकार पर निशाना साधते हुये कहा, ''आर्थिक सर्वेक्षण में कल कहा गया था कि LIC लाभ कमा रही है, तो फिर आप इसे कमतर क्यों आंक रहे हैं? उन्होंने कृषि पर बात करते हुये कहा कि, सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा, भले ही मौजूदा कृषि लागत काफी बढ़ चुकी है। बजट में प्रस्तावित नदियों को आपस में जोड़ने की कई परियोजनाओं में गोदावरी और कावेरी को जोड़ने के सरकार के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा, ''गोदावरी और कावेरी नदियां दूर-दूर हैं और दूर-दराज के हिस्सों में बहती हैं, जबकि इंटरलिंक को पांच राज्यों में से होकर गुजरना होगा ऐसे में मंजूरी कैसे मिल पायेगी? वहीं तमिलनाडु सरकार ने राज्य में नदियों को जोड़ने के लिए धन की मांग की है, जो नहीं दिया गया है। पांच वर्षों में 60 लाख नौकरियों के सृजन के सरकार के दावे से अर्थव्यवस्था को लाभ नहीं पहुंचेगा।"
मायावती की प्रतिक्रिया :
संसद में आम बजट पेश होने पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मायावती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "करों की मार से कराह रही जनता को नये वादों से लुभाने का प्रयास बजट में किया गया है जबकि बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई पर रोकथाम के कोई उपाय नहीं किये गये हैं। संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लाया गया है, जबकि गतवर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है, यह कितना उचित। केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों? केन्द्र सरकार द्वारा अपनी पीठ आप थपथपा लेने से अभी तक देश की बात नहीं बन पा रही है। करों की मार लोगों का जीना दूभर किए हुए है। इसीलिए केन्द्र का भरसक प्रयास खासकर बेरोजगारी व असुरक्षा आदि के कारण लोगों में छाई तंगी, मायूसी व हताशा को कम करने की हो तो बेहतर।"
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया :
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केन्द्रीय बजट को आम लोगों की जेब काटने वाला बताते हुए कहा कि, "यह बजट यूपी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दुखदायी युग की शुरूआत है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, ''काम-कारोबार सब हुआ चौपट ऐतिहासिक मंदी, लाखों की नौकरी कर गयी चट, आम जनता की आमदनी गयी घट, बेकारी-बीमारी में बैंकों में जमा निकली सारी बचत, अब लोगों की जेब काटने के लिए आया भाजपा का एक और बजट। उप्र से भाजपा के दुखदायी युग का अंत शुरू हो रहा है। यूपी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।"
UP के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य :
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पेश हुए बजट को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि, 'यह देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के साथ विकास को रफ्तार देगा। देश की आजादी के अमृत महोत्सव पर मोदी सरकार का यह बजट क्रांतिकारी और ऐतिहासिक बजट है। 'मोदी हैं तो मुमकिन है' को चरितार्थ करते हुए यह आम आदमी की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के साथ देश की आर्थिक मजबूती देने वाला है। इसमें गांव, गरीब, किसानों और नौजवानों पर जोर है। यह खेती को मजबूत और किसानों की आय बढ़ाने वाला है जो देश की रीढ़ हैं। बजट के दिल में गांव और किसान हैं। इससे उनकी आय में इजाफा होगा। बजट में जो योजनाएं दिखाई गई हैं, उनसे देश की मंडियां और अधिक मजबूत होंगी।'
उन्होंने आगे कहा कि, 'बजट में आधारभूत संरचना पर जोर दिया गया है। इससे आम आदमी पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। इसमें सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। किसानों के लिए नई योजनाएं हैं, जो उनकी आय को बढ़ाने में मददगार होंगी। कृषि उपकरण सस्ते होंगे। आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया गया है। गांव का विकास और युवाओं को रोजगार का विशेष ध्यान रखा गया है। नए बजट से किसानों में नई उम्मीदें जन्म लेंगी जो उनको आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा।'
पूर्व वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा की प्रतिक्रिया :
पूर्व वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह बजट लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरा है जो भविष्य के भारत के अमृत काल को लाने का ब्लू प्रिंट है। श्री सिन्हा ने यूनीवार्ता से विशेष बातचीत में कहा कि बजट में निवेश पर जोर दिया गया है और इसमें बहुत बढ़ोतरी की गई है। इससे रोजगार का सृजन होगा और राज्यों को भी काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा ट्रांसमिशन और हरित अर्थव्यवस्था के लिए काम किया गया है, जो काफी अच्छी बात है।
सिन्हा ने आगे कहा कि, 'इस बजट से हमारी नीतियों में स्थिरता रहेगी। इस बजट से हमने अपनी प्राथमिकताओं को नई गति देने का कार्य किया है। पूर्व वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि 'उत्पादन लिंक प्रोत्साहन' योजना के लिए भी बजट में दो लाख करोड़ रुपए दिया गया है। 60 लाख लोगों को इससे रोजगार मिलेगा। नीतियों में बदलाव नहीं होने के चलते महंगाई भी काबू में रहेगी।'
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया :
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय बजट को सकारात्मक और स्वागत योग्य बताया है । श्री कुमार ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि, 'केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया बजट सकारात्मक एवं स्वागत योग्य है । पिछले दो वर्षों से देश का आर्थिक विकास कोरोना महामारी के चलते प्रभावित रहा है। इन विषम परिस्थितियों से निकलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपने बजट के माध्यम से देश के विकास की गति को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं वे सराहनीय हैं। देश में बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना के निर्माण का निर्णय भी स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से गंगा के दोनों किनारों के 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। केंद्रीय बजट में गंगा के किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती का कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय सराहनीय है।'
उन्होंने आगे कहा कि, 'इस बजट में धान एवं गेहूँ की अधिप्राप्ति को बढ़ाने के निर्णय से किसानों को काफी फायदा होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 80 लाख नए मकानों के निर्माण का निर्णय स्वागतयोग्य है। राज्य सरकारों को केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में इस वर्ष एवं अगले वर्ष अधिक राशि प्राप्त होगी। इससे राज्य सरकारों की वित्तीय कठिनाईयां कम होंगी और राज्यों को राहत मिलेगी।'
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