दिल्ली, भारत। भारत में मोदी सरकार के नए 3 कृषि कानून के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन जारी है। हालांकि, भारत की सरकार व किसानों के नेताओं के बीच चार दौर की वार्ता होने के बाद भी कोई हल नहीं निकला है। अब बीते दिन 5वेंं दौर की बातचीत होंगी। तो वहीं, देश के किसानों के आंदोलन के मामले का असर भारत-कनाडा के संबंध पर भी पड़ रहा है।
भारत ने कनाडाई उच्चायुक्त को किया तलब :
तो वहीं, किसानों के आंदोलन पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, कुछ मंत्रियों और सांसदों की टिप्पणियों के बाद भारत द्वारा नाराजगी जताई गई थी और अब ये एक्शन लिया है। दरअसल, भारतीय विदेश मंत्रालय ने आज शुक्रवार को कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया है। इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस मामले में इसे अपने आंतरिक मामलों में अस्वीकार्य हस्तक्षेप बताया है और द्विपक्षीय संबंध बिगड़ने की चेतावनी देते हुए ये बात भी कही है-
अगर ऐसा चलता रहा तो भारत और कनाडा के बीच संबंधों पर गंभीर रूप से हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। इन टिप्पणियों ने कनाडा में हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों के सामने चरमपंथी गतिविधियों की सभाओं को प्रोत्साहित किया है, जो सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल खड़ा करता है। हम कनाडा के सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह भारतीय राजनयिक कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
भारतीय विदेश मंत्रालय
बता दें कि, इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी पर भारत के विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताते हुए ये कहा था कि, किसी लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामले में इस तरह की टिप्पणी और बयान बेहद गैरजरूरी और अनुचित हैं।
गौरतलब है कि, भारत में आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि शांतिपूर्ण विरोध के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा साथ रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने स्थिति पर चिंता जतायी थी।
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