कोर कमांडर स्तर की 18वीं बैठक
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चुशुल-मोल्दो में कोर कमांडर स्तर की 18वीं बैठक में विवादित मुद्दों को सुलझाने पर राजी हुए भारत और चीन

तीन साल पुराने सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच रविवार को पूर्वी लद्दाख सेक्टर के चुशुल-मोल्दो में कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की बैठक हुई।
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राज एक्सप्रेस। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच दोनों देशों के बीच रविवार को अहम बातचीत हुई। तीन साल पुराने सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच रविवार को पूर्वी लद्दाख सेक्टर के चुशुल-मोल्दो में कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की बैठक हुई। इस वार्ता में सीमा पर टकराव के अनसुलझे मसलों को हल करने के लिए बातचीत हुई। भारत की तरफ से फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली और चीन की तरफ से उनके समकक्ष अफसर ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर पर बैठक की। बैठक पांच महीनों के अंतराल के बाद हुई। दोनों के बीच पिछली बैठक दिसंबर 2022 में हुई थी।

भारत ने इन मुद्दों को उठाया

यह बैठक ऐसे वक्त हुई जब दोनों ही देश अपनी-अपनी तरफ निर्माण कार्यों को तेज करने में लगे हुए हैं। दोनों ही देश अपनी-अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए एड़ी-चोटी का दम लगा रहे हैं। भारत ने बैठक में देप्सांग प्लेंस, डेमचोक और दोनों तरफ से सैनिकों की वापसी का मुद्दा उठाया।

चीन की आक्रामकता के बाद बिगड़े थे हालात

2020 में कोरोना के दौरान चीन की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति को बदलने के लिए भारी हथियारों और बड़ी संख्या में सैनिकों को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने की कोशिश के बाद पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच मामलों को सुलझाने के लिए कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता शुरू हुई थी।

चीन सैन्य-कूटनीतिक चैनल से बातचीत को राजी

हालांकि कई दौर की वार्ता के बाद दोनों देश पीछे हटने को तैयार हो गए थे। दोंनो ही देशों की सेनाएं पीछे हट गई थीं। कई इलाकों को लेकर अब भी वार्ता जारी है। आज हुई वार्ता में भी दोनों देश संपर्क में रहने और सैन्य-राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने और जल्द से जल्द शेष मुद्दों के स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर सहमत हुए।

एससीओ बैठक में शामिल होने भारत आएंगे चीन के रक्षा मंत्री

चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू अगले सप्ताह आयोजित होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे। रक्षा अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। क्षा अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी पक्ष ने अभी तक कोई पुष्टि नहीं की है। एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक 27 और 28 अप्रैल को होने वाली है। 2020 की गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद, यह पहली बार है जब कोई चीनी रक्षा मंत्री भारत का दौरा करेंगे।

पिछले माह ही चीन के रक्षा मंत्री बनाए गए ली शांगफू

अमेरिका द्वारा स्वीकृत जनरल ली शांगफू को एक महीने पहले चीन के नए रक्षा मंत्री के रूप में नामित किया गया था। उनकी नियुक्ति बीजिंग और वाशिंगटन के बीच बढ़ते तनावपूर्ण संबंधों के बीच हुई है। एयरोस्पेस विशेषज्ञ ली शांगफू ने सर्वसम्मति से नेशनल पीपुल्स कांग्रेस द्वारा निवर्तमान रक्षा प्रमुख वेई फेंघे की जगह ली है।

5 मई को गोवा में होगी एससीओ की बैठक

एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद 5 मई को गोवा में विदेश मंत्री की बैठक होनी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी इसमें हिस्सा लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। एससीओ के सदस्य देश भारत, रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान हैं।

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