राज एक्सप्रेस। शिवसेना के राज्यसभा सांसद अनिल देसाई एक प्राइवेट बिल लेकर आए हैं, जिसमें देश में सिर्फ दो बच्चों की नीति को प्रोत्साहित करने की अपील की गई है। इसके लिए संविधान में संशोधन करने की बात कही गई है। अनिल देसाई के इस बिल पर बजट सत्र के दौरान ही चर्चा होगी। देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर ठोस फैसले के लिए लंबे समय से अपील होती रही है। इसी कड़ी में अब शिवसेना भी अपना बिल लेकर आयी है।
संसद के बजट सत्र के पहले हिस्से के आखिरी दिन अनिल देसाई ने इस बिल को पेश किया है। इस तरह के प्रस्ताव पहले भी आते रहे हैं लेकिन कई राजनीतिक दलों और संगठनों के द्वारा इस तरह के कानून को मुस्लिम विरोधी माना गया है। सरकार की ओर से भी इस मुद्दे पर अभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जब की भारत की जनसंख्या अभी 130 करोड़ के पार है जो कि, दुनिया में नंबर दूसरे नंबर पर है। पूरी दुनिया में भारत से अधिक जनसंख्या वाला देश सिर्फ चीन है।
मीडिया से बात करते हुए अनिल देसाई ने बताया है कि इस बिल के लिए उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी बात की है। ऐसे में महाराष्ट्र की सरकार में शिवसेना के साथी कांग्रेस और एनसीपी की इसपर प्रतिक्रिया रहती है, इसपर भी नज़र बनी रहेगी।
अनिल देसाई ने इस बिल को पेश करते हुए संविधान में कुछ संशोधन की मांग रखी है। जिसमें संविधान के अनुच्छेद 47 में बदलाव जरूरी होगा। बिल में प्रस्ताव रखा गया है कि बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए परिवार को दो बच्चों तक सीमित रखने वाले नागरिकों को टैक्स में छूट, कारोबार, शिक्षा में प्रोत्साहन जैसे नियम बनाए जाएं।
आखिर क्या होता है प्राइवेट बिल ?
संसद में कोई भी सांसद अपनी ओर से एक प्राइवेट बिल ला सकता है जो कि शुक्रवार को पेश किया जाता है। फिलहाल बजट सत्र में अभी ब्रेक चल रहा है, लेकिन जब सत्र का दूसरा हिस्सा शुरू होगा तब इस पर चर्चा की जा सकती है।
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