दिल्ली, भारत। पूरी दुनिया में आतंक मचाने वाले कोरोना वायरस के नए-नए वेरिएंट का खौफ कई देशों की टेंशन बढ़ा रहा है, जिसके चलते देशों की सरकार कोरोना के ओमिक्रॉन नाम के वेरिएंट के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं। दरअसल, इन दिनों ओमिक्रॉन वेरिएंट का खतरा बढ़ा हुआ है, ऐसे में भारत कोई लापरवाही न करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने कोरोना वायरस (कोविड-19) दिशानिर्देशों की अवधि बढ़ाने का फैसला किया है।
MHA ने कोरोना दिशानिर्देशों को 31 दिसंबर तक बढ़ाया :
दरअसल, कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट के उभरने की पृष्ठभूमि में आया है, जो दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए आज मंगलवार को ही कोरोना दिशानिर्देशों को लेकर यह निर्णय है और मौजूदा कोरोना वायरस दिशानिर्देशों को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। तो वहीं, संभावित रूप से अधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट पर बढ़ती चिंताओं के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आज मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के साथ एक समीक्षा बैठक भी की और उन्हें मामलों की शीघ्र पहचान और प्रबंधन के लिए परीक्षण में तेजी लाने की सलाह दी।
नया वेरिएंट आरटी-पीसीआर और आरएटी परीक्षणों से बच नहीं सकता है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने और घरेलू क्वारंटाइन की निगरानी करें।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण
अब 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेंगे दिशानिर्देश :
बता दें कि, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इससे पहले 25 नवंबर को गाइडलाइंस जारी हुईं थीं और स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर ही गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है। अब गृह मंत्रालय के यह दिशा-निर्देश 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेंगे। इस दौरान अपने आदेश में राज्य सरकारों को ओमिक्रॉन के प्रकोप के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय की 25 नवंबर की एडवाइजरी का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में राज्यों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में आने वाले सभी यात्रियों की सख्ती से स्क्रीनिंग और परीक्षण करने का निर्देश दिया है।
इन यात्रियों के संपर्कों को भी बारीकी से ट्रैक और परीक्षण किया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने दिशानिर्देशों में राज्य सरकारों को यात्रियों के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए INSACOG प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए निर्देशित किया है।
गृह मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा है कि, कोविड की रोकथाम के लिए गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जाए।
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