भारत के इस राज्य में उठ रही भांग की खेती को वैध करने की मांग, जानिए क्या है कारण?
राज एक्सप्रेस। भारत में पिछले कई दशकों से कैनाबिस पौधे यानि भांग की खेती अवैध है। कैनाबिस के पौधे से ही भांग, गांजा और चरस जैसी चीजें बनाई जाती है। इनके दुष्प्रभावों को देखते हुए साल 1985 में भारत की तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेज (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत भांग की खेती पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि पिछले काफी समय देश में भांग की खेती को वैध करने की मांग की जा रही है। तो चलिए जानते हैं कि यह मांग कहाँ से की जा रही है और इसके पीछे क्या तर्क दिए जा रहे हैं?
हिमाचल में हो सकती है वैध
दरअसल पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में पिछले लंबे समय से भांग की खेती करने की मांग उठ रही है। कुल्लू से कांग्रेस विधायक सुंदर सिंह ठाकुर और अन्य कई नेता भी हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को वैध करने की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों को भी इसका फायदा मिलेगा।
क्यों उठ रही है मांग?
दरअसल भांग की खेती को वैध करने की मांग करने वालों का तर्क है कि इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इससे कैंसर सहित कई बीमारियों की दवाई भी बनाई जाती है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में इसे वैध करने से किसान इसके खेती के जरिए अच्छा पैसा कमा पाएंगे। साथ ही हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भांग के पौधे से फुटवियर, रस्सी, चटाई, भवन सामग्री और खाद्य पदार्थ भी बनाए जाते हैं। ऐसे में इसकी खेती वैध करने से इन उद्योगों को भी फायदा होगा।
क्या है प्रावधान?
दरअसल एनडीपीएस अधिनियम के तहत ही भारतीय राज्यों को विशेष आदेशों के तहत भांग की खेती करने की इजाजत दी गई है। इसके तहत ही उत्तराखंड में भांग की खेती वैध की जा चुकी है। ओडिशा, कर्नाटक, राजस्थान, आंध्रप्रदेश और गुजरात में भी छोटे स्तर पर भांग की खेती की जा रही है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश की सरकार भी अपने यहां भांग की खेती को वैध कर सकती है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।