हिमाचल का पहला ग्रीन बजट हुआ पेश
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हिमाचल का पहला ग्रीन बजट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ऐतिहासिक पहल

प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी अथवा लीज पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से दो मैगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है।
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शिमला, हिमाचल प्रदेश। विधानसभा में प्रस्तुत वर्ष 2023-24 के बजट को ऐतिहासिक एवं आम लोगों का बजट करार दिया है। यह बात उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कृषि मंत्री चंद्र कुमार तथा उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शुक्रवार को यहां जारी संयुक्त वक्तव्य में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ग्रीन बजट पेश कर हिमाचल प्रदेश को एक नई दिशा देने का प्रयास किया है।

श्री अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 31 मार्च 2026 तक राज्य को ग्रीन एनर्जी राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2023-24 में 500 मैगावाट सौर ऊर्जा क्षमता की परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी अथवा लीज पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से दो मैगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में छह राष्ट्रीय एवं उच्च मार्गों को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित करने के साथ-साथ प्राइवेट बस ऑपरेटरों, ट्रक ऑपरेटरों को ई-ट्रक अथवा बस की खरीद के लिए पचास प्रतिशत उपदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट में 20 हजार मेधावी छात्राओं को ई-स्कूटी की खरीद पर 25 हजार रुपए के उपदान का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि बस अड्डा निर्माण एवं प्रबन्धन प्राधिकरण ने वर्ष 2023-24 में 12 बस अड्डों के निर्माण को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हमीरपुर में बस पोर्ट बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। विभिन्न सुविधाओं की जानकारी के लिए जी.आई. आधारित व्हीकल लोकेशन एप तैयार करने के साथ-साथ हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में डिजिटल फेयर कलैक्शन सिस्टम लागू करने के लिए नवोन्मेषी प्रयास किए गए हैं। उन्होंने बजट को नवाचार केन्द्रित बताया।

कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि बजट में पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला को हिमाचल प्रदेश की टूरिज्म केपिटल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें अन्तरराष्ट्रीय स्तर के गोल्फ कोर्स का निर्माण, पौंग डैम में वाटर स्पोर्ट्स, शिकारा, क्रूज, यॉट आदि की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि बनखंडी में 300 करोड़ रुपये की लागत से चिड़ियाघर का निर्माण भी किया जाएगा। इससे क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। साथ ही, रोजगार व स्वरोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र में कौशल विकास के लिए वाकनाघाट में 68 करोड़ रुपये से उत्कृष्ट केन्द्र के निर्माण कार्य को पूरा किया जाएगा।

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बजट में प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए महत्वाकांक्षी प्रयास किए गए हैं। प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार एवं स्टार्ट-अप सहायता प्रदान करने के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार योजना आरंभ करने की घोषणा की गई है। साथ ही सरकार ने नई औद्योगिक निवेश नीति लाने की घोषणा की है। इसके तहत प्रदेश सरकार ओपन आर्म पॉलिसी का अनुसरण करेगी और मौजूदा एकल खिड़की प्रणाली को ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन में परिवर्तित किया जाएगा। यह ब्यूरो राज्य में रोजगार सृजन में मददगार होगा और प्रदेश को आदर्श निवेश मित्र राज्य के रूप में विकसित करने में भी सहायक होगा। राज्य में वित्त वर्ष 2023-24 में विनिर्माण, पर्यटन, ऊर्जा, निर्माण व आवास इत्यादि क्षेत्र में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का निजी निवेश लाने के प्रयास किए जाएंगे जिससे लगभग 40 हजार प्रत्यक्ष और 50 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एक जिला, एक उत्पाद को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य में यूनिटी मॉल का निर्माण किया जाएगा। इससे हिमाचल प्रदेश के जी.आई. उत्पाद, हस्तशिल्प उत्पाद और अन्य राज्यों के हस्तशिल्प उत्पाद एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाये जाएंगे।

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