हिमाचल प्रदेश। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद जोर शोर से बचाव और राहत अभियान चला रहा है। लाहौल और स्पीति घाटी में रणनीतिक महत्व के मनाली-सरचू मार्ग को कई स्थानों पर भूस्खलनों के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। शिमला स्थित बीआरओ की परियोजना दीपक ने बचाव और राहत अभियान के तहत क्षतिग्रस्त सड़क को साफ करने के लिए कर्मियों और उपकरणों के साथ अपने प्रशिक्षित अभियंता कार्यबल को शीघ्र इस स्थल पर भेजा।
गत गुरुवार को मनाली-लेह मार्ग पर बारालाचला दर्रे के आगे सरचू के पास ऐसे ही एक हिस्से पर, महिलाओं और बच्चों सहित कई लोग फंसे हुए थे और इस क्षेत्र के अत्यधिक ऊंचाई पर होने के कारण वे ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याओं का सामना कर रहे थे। बीआरओ टीम ने 14,480 फीट की ऊंचाई पर स्थित केनलुंग सराय के पास अन्य भूस्खलनों की एक श्रृंखला से अवरूद्ध हुए मार्ग को साफ करते हुए लोगों को बचाया। हालांकि इस बीच बचाव प्रयासों में शामिल दीपक प्रोजेक्ट के नायक रीतेश कुमार पाल ने अपने प्राण गँवा दिए। बाद में सड़क को यातायात के लिए खोल दिया गया।
गत मंगलवार को एक अन्य घटना में भारी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध किलर-टांडी सड़क मार्ग को खोलने के लिए बीआरओ के एक अलग अभियंता कार्य बल को तैनात किया गया था। क्षेत्र में दो यात्री वाहन फंसे हुए थे। पहले से ही इस मार्ग में दो भूस्खलनों को साफ करने वाले इस दल ने फिसलन भरे इस इलाके में फंसे नागरिकों के जीवन को बचाने के लिए देर रात तक निकासी अभियान चलाया। कार्य संचालन के दौरान टीम के कुछ सदस्य, छह नागरिक और एक नागरिक वाहन अचानक आई बाढ़ में बह गए। घटना में कनिष्ठ अभियंता राहुल कुमार की मृत्यु हो गई, जबकि अन्य को बीआरओ कर्मियों ने बचा लिया। बाद में बीआरओ कर्मियों ने भूस्खलन से अवरूद्ध हुए मार्ग को साफ किया, फंसे हुए यात्रियों को बचाते हुए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
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