मलाणा चोटी फतह करने निकले चार ट्रैकर लापता, तलाश जारी
शिमला। हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले के मलाणा में 18 हजार फुट ऊंची माउंट अली रत्नी टिब्बा चोटी पर बुधवार को ट्रैकिंग के लिए गए कोलकाता के पांच में से चार ट्रैकर लापता हो गए हैं। मलाणा लौटे ट्रैकिंग टीम के एक सदस्य ने इनके लापता होने की जानकारी प्रशासन को दी। ये ट्रैकर्स पर्वतारोही बेस कैंप से चोटी फतेह करने के लिए निकले थे।
अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण खेल संस्थान मनाली से 15 सदस्यीय टीम इनकी तलाश में भेजी गई है। अभी तक लापता ट्रैकर का कोई पता नहीं चल पाया है। लापता हुए पर्वतारोही की पहचान 43 वर्षीय अभिजीत बानिक निवासी 57 एक गर्पर रोड, डाकघर परशि बागान कोलकता (पश्चिम बंगाल), 43 वर्षीय चिन्मय मोंडल निवासी हृदयपुर शांति नगर उद्यान पारा, डाकघर हैदयपुर, कोलकता (पश्चिम बंगाल), 37 वर्षीय दिवेश दास 2/105 श्री कालोनी, डाकघर रीजेंट इस्टेट जादवपुर, कोलकता (पश्चिम बंगाल), 31 वर्षीय बिनोय दास निवासी इनायतपुर, डाकघर चालक इनायतपुर कोलकाता (पश्चिम बंगाल) के रूप में हुई है।
पांचवां ट्रैकर मनोज नाथ निवासी कुंडी रामनगर, सिटी श्यामनगर, कोलकाता (पश्चिम बंगाल) का रहने वाला है। बेस कैंप को लौटे मनोज ने प्रशासन को साथियों के लापता होने की सूचना दी। अठारह अगस्त को पांचों ट्रैकर्स कोलकाता से चले थे और 21 अगस्त को मनाली पहुंचे। उन्होंने मणिकर्ण के निकट जरी से 22 अगस्त को माउंट अली रत्नी टिब्बा का रुख किया। सभी ने 15 सितंबर को वापस हावड़ा पहुंचना था। इस बीच रास्ता भटकने से चार ट्रेकर लापता हो गए। पर्वतारोहण संस्थान मनाली के निदेशक अविनाश नेगी ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान के पर्वतारोहियों का 15 सदस्यीय दल खोज और बचाव के लिए मनाली से रवाना हो गया है। टीम सेटेलाइट फोन ले गई है, क्योंकि इस क्षेत्र में कोई मोबाइल फोन नेटवर्क नहीं है। चोटी तक पहुंचने में दो दिन लग सकते हैं।
सरकार और प्रशासन ने ट्रैकिंग के नियम और कड़े कर दिए हैं। प्रदेश में आए दिन पर्यटकों और ट्रैकरों के लापता होने तथा मौत होने के मामलों को देखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन ने ट्रैकिंग के नियमों में सख्ती कर दी है। इसके साथ ही ट्रैकिंग के लिए नए नियम निर्धारित कर दिए हैं। नये नियम प्रदेश भर में 15 सितंबर से लागू हो जाएंगे। इसको लेकर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश मोख्टा ने सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखकर नये नियमों को लागू करवाने को भी कहा है। नये नियमों के अनुसार 15 सितंबर से 15 हजार फुट से अधिक ऊंचाई वाले ट्रैक पर ट्रैकिंग को प्रतिबंधित कर दिया है। इसको लेकर विशेषज्ञों के परामर्श भी लिए गए हैं। विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार ट्रैकिंग कार्यक्रम के लिए पहली मई से 15 सितंबर तक का समय ही उपयुक्त होता है। ज्ञातव्य है कि कुछ दिन पहले किन्नौर जिले के छितकुल के खिमलोग दर्रे पर एक पर्वतारोही की मौत हो गई, एक अन्य घायल हो गया और तीन कुली लापता हो गए थे।
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