पतंग,डोर से घायल पक्षियो के लिए हेल्पलाइन  नंबर घोषित किए
पतंग,डोर से घायल पक्षियो के लिए हेल्पलाइन नंबर घोषित किएSocial Media

पतंग, डोर से घायल पक्षियों को बचाने के लिए हेल्पलाइन और वॉट्सएप नंबर घोषित किए

भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में मकर संक्रांति के दौरान घायल पक्षियों के प्राण बचाने तथा जीवदया को प्रधानता देने के लिए व्यापक स्वरूप से दस दिवसीय करुणा अभियान-2023 का आयोजन किया गया है।
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अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में मकर संक्रांति के दौरान घायल पक्षियों के प्राण बचाने तथा जीवदया को प्रधानता देने के लिए व्यापक स्वरूप से दस दिवसीय करुणा अभियान-2023 का आयोजन किया जा रहा है। राज्यभर की जीवदया संस्थाओं ने अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1962 तथा वॉट्सएप नंबर 8320002000 घोषित किए गए हैं।

श्री पटेल ने कहा कि वन विभाग, पशुपालन विभाग, महानगर पालिका प्रशासन भी इस अभियान में सक्रियता से पशु-पक्षियों के प्राण बचाने तथा घायल पशु-पक्षियों के उपचार का जीवदया कार्य करते हैं। उत्तरायण के त्योहारों के दौरान पतंग-डोर से घायल होने वाले पक्षियों के प्राण बचाने के लिए जीवदया भाव के साथ राज्यव्यापी करुणा अभियान के अंतर्गत शुरू किए गए जा रहे। इस दस दिवसीय सघन अभियान में सहयोगी संगठनों तथा राज्य सरकार के वन, पशुपालन सहित विभागों के कर्मयोगियों के साथ उन्होंने आज संवेदनापूर्ण संवाद कर उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया। राज्य सरकार द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1962 तथा वॉट्सएप नंबर 8320002000 घोषित किए गए हैं। अहमदाबाद के वन विभाग द्वारा 24 घण्टे कार्यरत हेल्पलाइन नंबर 7600009845/46 भी घोषित किए गए हैं। इन नंबरों पर सम्पर्क किया जा सकेगा।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रत्येक जीव की रक्षा करना सरकार का दायित्व है। सरकार के इस दायित्व का उत्कृष्ट उदाहरण करुणा अभियान है। हम सभी जीवन में त्योहार एवं उत्सव मनाएँ, परंतु इस बात की सतर्कता रखें कि ये त्योहार तथा उत्सव किसी भी जीव के लिए घातक न बनें। उन्होंने कहा कि हमारी तो संस्कृति ही छोडमां रणछोड (पौधे में परमात्मा) देखने के भाव वाली है। ऐसे में हम सबको सभी जीवों की रक्षा कि चिंता करनी चाहिए।

श्री पटेल ने समाजसेवी संस्थाओं तथा स्वैच्छिक संगठनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस करुणा अभियान में राज्य के समाजसेवी संस्थाओ तथा गैर-सरकार संगठन (एनजीओ) बहुत बढ़-चढ़कर तथा आगे आकर जीवदया का कार्य कर रहे हैं जो अभिनंदनीय है। गुजरात में मकर संक्रांति के दौरान घायल पक्षियों के प्राण बचाने तथा जीवदया को प्रधानता देने के लिए व्यापक स्वरूप से करुणा अभियान का आयोजन किया गया है। समग्र राज्य की जीवदया संस्थाओं ने अभियान को सफल बनाया है। वन विभाग, पशुपालन विभाग, महानगर पालिका प्रशासन भी इस अभियान में सक्रियता से पशु-पक्षियों के प्राण बचाने तथा घायल पशु-पक्षियों के उपचार का जीवदया कार्य करते हैं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अहमदाबाद जिले में दसक्रोई तहसील के बिलासिया में तैयार किए गए वन्यप्राणी पुनर्वास केन्द्र का ई-लोकार्पण भी किया। इस नवनिर्मित वन्यप्राणी पुनर्वास केन्द्र में प्राकृतिक एवं आकस्मिक रूप से घायल हुए जीवों के उपचार और जंगल से मानव आबादी में आ गए पशु-पक्षियों के पुनर्वास के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। तेइस हज़ार वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले इस केन्द्र को अनुमानित 2.72 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया। यह केन्द्र ओपीडी रूम, ऑपरेशन सेंटर, वेटरनरी ऑफ़िस, फ़ॉरेस्ट स्टाफ़ रूम, रिकवरी रूम तथा कॉन्फ़्रेंस रूम जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुज्जित है।

वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुणकुमार सोलंकी ने इस अवसर पर कहा कि राज्य में उत्तरायण पर्व में घायल पक्षियों को बचाने का यह अभूतपूर्व अभियान है। राज्य में 10 से 20 जनवरी तक चलने वाले इस अभियान को सफल बनाने के लिए पशुपालन, वन विभाग, महानगर पालिकाएँ तथा विभिन्न स्वैच्छिक संस्थाएँ सहभागी बने हैं। श्री सोलंकी ने बताया कि राज्य में मकर संक्रांति पर्व के दौरान एक भी पक्षी के प्राण न जाएँ, इसके लिए पशुपालन विभाग व वन विभाग द्वारा पक्षियों के प्री-पोस्ट उपचार के लिए आईसीयू, एम्बुलेंस, पशु-पक्षियों के उपचार के लिए 1962 हेल्पलाइन सहित आवश्यक व्यवस्था की गई है। उन्होंने स्वैच्छिक संस्थाओं से इसमें सहभागी होने की अपील की। यहाँ उल्लेखनीय है कि राज्य में वर्ष 2017 से उत्तरायण पर्व के दौरान पतंग- डोर से पक्षियों को घायल होने से बचाने तथा घायल पक्षियों को उपचार देने के लिए दस दिवसीय करुणा अभियान चलाया जाता है।

इस अभियान के अंतर्गत अब तक 70,000 से अधिक पक्षियों का उपचार किया गया है। इस वर्ष इस अभियान में 700 से अधिक डॉक्टर, 8000 से अधिक स्वयंसेवक और 700 से अधिक संस्थाएँ सेवा देने वाले हैं। घायल पक्षियों के उपचार के लिए करुणा एनिमल एम्बुलेंस की सेवा भी शुरू की गई है। वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलुभाई बेरा, अहमदाबाद के महापौर किरीटभाई परमार, विधायक अमितभाई शाह, मनपा स्थायी समिति के अध्यक्ष हितेशभाई बारोट, पशुपालन सचिव के. एम. भीमजियाणी, पशुपालन विभाग एवं वन विभाग के अधिकारी, विभिन्न स्वैच्छिक संस्थाओं के पदाधिकारी तथा जीवदयाप्रेमी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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