दिल्ली, भारत। देश में महामारी कोरोना संकटकाल के बीच बारिश की वजह से हवा में ठंडक का अहसास तेजी होने लगा है और ठिठुरन वाली ठंड में भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है, जिसका आज बुधवार को 21वां दिन है और आज इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है।
केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी :
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच इस मामले पर केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है और कोर्ट ने कहा कि, ''इस मामले पर एक कमेटी गठित की जाएगी, जो इस मसले को सुलझाएगी, क्योंकि राष्ट्रीय मुद्दा सहमति से सुलझना जरूरी है, अब इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई होगी।''
अदालत में किसने क्या कहा-
चीफ जस्टिस ने अदालत में कहा- जो याचिकाकर्ता हैं, उनके पास कोई ठोस दलील नहीं है। ऐसे में रास्ते किसने बंद किए हैं।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ''किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस ने रास्ते बंद किए हैं।''
CJI ने कहा- जमीन पर मौजूद आप ही मेन पार्टी हैं। अदालत ने कहा है कि, वो किसान संगठनों का पक्ष सुनेंगे। साथ ही सरकार से पूछा कि, अब तक समझौता क्यों नहीं हुआ, अदालत की ओर से अब किसान संगठनों को नोटिस दिया गया है।
अदालत का कहना है कि, ''ऐसे मुद्दों पर जल्द से जल्द समझौता होना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाने को कहा है, ताकि दोनों आपस में मुद्दे पर चर्चा कर सकें।''
दिल्ली बॉर्डर से किसानों को हटाने की मांग :
बता दें कि, कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर हो रहे किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसपर आज सुनवाई हुई है। कानून के छात्र ऋषभ शर्मा ने ये याचिका दी थी। इस याचिका में दिल्ली बॉर्डर से किसानों को हटाने की मांग है।
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