महाराष्ट्र: स्वास्थ्य कर्मियों ने की लापरवाही की सारी हदें पार

जहां, कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मी योद्धा बन के उभरे हैं। वहीं, अब जो मामला सामने आया है, उसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों ने महाराष्ट्र के यवतमाल में लापरवाही की सारी हदें पार कर दी हैं।
महाराष्ट्र: स्वास्थ्य कर्मियों ने की लापरवाही की सारी हदे पार
महाराष्ट्र: स्वास्थ्य कर्मियों ने की लापरवाही की सारी हदे पारSyed Dabeer Hussain - RE
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महाराष्ट्र। जहां, कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मी योद्धा बन के उभरे हैं। उनकी तुलना भगवान से तक कर दी गई। उनके ऊपर फूल डाल कर उनका सम्मान किया गया। वहीं, अब जो मामला सामने आया है। उसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों ने की लापरवाही की सारी हदें पार कर दी हैं। यह मामला है महाराष्ट्र के यवतमाल में पोलियो ड्रॉप के वैक्सीनेशन के दौरान हुई बड़ी लापरवाही का। स्वास्थ्य कर्मियों की इस लापरवाही ने 12 बच्चों की जान खतरे में डाल दी है।

पोलियो ड्रॉप के वैक्सीनेशन में हुई बड़ी लापरवाही :

दरअसल, बीते रविवार देश में पांच साल से कम उम्र के बच्चों का पोलियो ड्रॉप का वैक्सीनेशन होना था। उस दिन देश भर में सभी पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियों की ड्रॉप पिलाई गई। जो बच्चे रह गए उनको पोलियों की खुराक कल यानि सोमवार को दी गई। इसी बीच महाराष्ट्र के यवतमाल में एक अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों ने लापरवाही की सारी हदें पार करते हुए 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सैनिटाइज़र पिला दिया। इन सभी बच्चों को कुछ ही देर में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस मामले की जानकारी यवतमाल जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीकृष्णा पांचाल ने दी।

यवतमाल जिला परिषद ने बताया :

यवतमाल जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीकृष्णा पांचाल ने बताया कि 'अस्पताल में भर्ती बच्चे अब ठीक हैं और इस घटना से जुड़े तीन कर्मचारियों- एक स्वास्थ्यकर्मी, एक डॉक्टर और एक आशा वर्कर को निलंबित किया जाएगा। इस मामले की जांच चल रही है।'

कैसे सामने आया मामला ...

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए साल 2021 में नेशनल पोलियो इम्यूनाइज़ेशन ड्राइव लॉन्च किया। इसी दौरान यह मामला सामने आया। गौरतलब है कि, भारत में पोलियो का आखिरी केस 13 जनवरी 2011 में सामने आया था। इसके बावजूद भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पोलियों को लेकर काफी सजग है। यहीं कारण है कि, भारत में पोलियो की खुराक एक दशक से मुफ्त में पिलाई जाती है। ताकी सभी वर्ग के लोग अपने बच्चों को पोलियों की दवा पिलवा सकें। जबकि, अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों में पोलियो अभी भी एक बड़ी समस्या है।

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