हरियाणा में भाजपा के साथ सरकार में शामिल जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने साफ किया है कि अगर नए कानून से किसानों की MSP पर आंच आती है, तो हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला तुरंत इस्तीफा दे देंगे। बता दें कि इसके पहले भी एनडीए में शामिल अन्य राजनीतिक दलों ने विरोध जताते हुए एनडीए से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
बता दें कि हरियाणा के निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार को ”किसान विरोधी” बताते हुए मंगलवार को उससे समर्थन वापस ले लिया था। सांगवान ने कहा था कि ये सरकार किसानों के साथ हमदर्दी रखने के बजाय उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले जैसे सभी उपायों का इस्तेमाल कर रही है। मैं ऐसी सरकार को अपना समर्थन जारी नहीं रख सकता हूं। इस कारण से हरियाणा की भाजपा सरकार पहले ही मुसीबत में घिर चुकी है। हरियाणा की विधानसभा में सत्ताधारी बीजेपी के पास 40 सीटें है, चौटाला की पार्टी के पास 10 विधायक और कांग्रेस के पास 31 विधायक है। ऐसे में चौटाला की पार्टी बीजेपी को नुकसान ज़रूर पंहुचा सकती है। जबकि हरियाणा में स्पष्ट बहुमत के लिए 46 सीटों की आवश्यकता होगी।
हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के अधिकतर वोटर किसान समुदाय से आते हैं। विधानसभा चुनाव में किसानों ने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी को खुलकर समर्थन भी दिया था इसी कारण से हरियाणा में पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी इस पार्टी ने अपनी 10 सीटों पर जीत भी हासिल की थी। इस वक्त (JJP) हरियाणा में किंग मेकर की भूमिका निभा रही है।
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