हाइलाइट्स :
सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला- 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेले को अनेक देशों के हस्तशिल्पियों का महाकुंभ बताया
यह मेला कला प्रदर्शनी और व्यापार केंद्र है: राष्ट्रपति मुर्मू
Surajkund International Crafts Mela 2024: इस वर्ष के मेले के साझीदार राज्य गुजरात की कला परंपरा अत्यंत समृद्ध है। गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों के शिल्पकार पटोला, रोगन चित्रकारी, टंगालिया शाल और कपड़े, बांधणी तथा संखेड़ा फर्नीचर जैसी अनेक कलाओं को जीवंत रखते हैं। मैंने कुछ कलाओं का ही नाम लिया है लेकिन सभी कलाएं अनमोल हैं और इन कलाओं को आगे बढ़ाने वाले कलाकारों की मैं सराहना करती हूं। यह बात आज शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला- 2024 को संबोधित करते वक्त कहीं।
यह मेला हमारे शिल्पकारों को कला प्रेमियों से जोड़ने का प्रभावी मंच है :
सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला- 2024 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- हमारे चित्रकार रंगों के माध्यम से ऐसे चित्र बनाते हैं जो जीवंत लगते हैं। हमारे शिल्पकार विभिन्न धातुओं और लकड़ी जैसे ठोस पदार्थों को अविश्वसनीय आकार और स्वरूप प्रदान कर देते हैं। हमारे कल्पनाशील बुनकर वस्त्रों और परिधानों में अद्भुत सुंदरता का सृजन करते हैं।
यह मेला हमारी परंपरा का उत्सव भी है और नवीनता का भी। यह मेला हमारे शिल्पकारों को कला प्रेमियों से जोड़ने का प्रभावी मंच है। यह मेला कला प्रदर्शनी भी है और व्यापार केंद्र भी है। यह मेला अनेक देशों के हस्तशिल्पियों का महाकुंभ है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
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