सरकार और साधु संतों के बीच कुम्भ मेले को लेकर देखने मिल रही तकरार

सरकार ने घोषणा की है कोरोना के चलते कुम्भ की समय अवधि 48 दिन रहेगी, किंतु साधु संत इससे संतुष्ट नहीं हैं। उधर सरकार ने अभी तक कुम्भ को लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी नही किया है।
Haridwar kumbh 2021 to be 48 days disputes between government and saints
Haridwar kumbh 2021 to be 48 days disputes between government and saintsSyed Dabeer Hussain - RE
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राज एक्सप्रेस। सरकार और साधु संतों के बीच कुम्भ मेला को लेकर तकरार देखने को मिल रही है। इस बार का महाकुम्भ हरिद्वार में होने वाला है। जिसकी तैयारियां अंतिम चरण पर हैं। इस बार महाकुम्भ हरिद्वार में 11 साल बाद होने जा रहा है। वैसे कुम्भ 12 साल बाद होता है, लेकिन इस बार एक वर्ष पूर्व ही कुम्भ का आयोजन किया जा रहा है।

साधु संतों में नाराजगी :

इस बार सरकार ने घोषणा की है कि, कोरोना के चलते कुम्भ की समय अवधि 48 दिन रहेगी। किंतु साधु संत इससे संतुष्ट नहीं हैं। उधर सरकार ने अभी तक कुम्भ को लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। जबकि, सरकार कुम्भ से पूर्व जनवरी में ही कुम्भ को लेकर सारे नोटिफिकेशन जारी कर देती थी। किंतु इस साल जनवरी शुरू हो चुका है और सरकार ने अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है, जिसके चलते ही साधु संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है।

हरिद्वार के महाकुम्भ पर कोरोना का असर :

इस साल होने वाले महाकुम्भ पर कोरोना का असर साफ देखने को मिल रहा है। सभी को कुम्भ के अंदर सरकार द्वारा बनाये गए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। जहाँ सरकार कुम्भ की अवधि कम करने को लेकर विचार कर रही है वहीं कुम्भ में आने वाले लोगों के लिए व्यवस्था कर रही है। जगह जगह चेकिंग पॉइंग बनाएं जाएंगे। लोगो की स्क्रीनिंग की जाएगी। कोशिश करेंगे अधिक भीड़ एकत्रित करने से बचा जाए। कुम्भ के लिए स्पेशल ट्रेन भी चलाई जाएंगी।

क्यों हो रहा है 12 वर्ष की जगह 11 वर्ष में कुम्भ :

साल 2022 में गुरु, कुम्भ राशि में नही होंगा। जिसके कारण स्वरूप वर्ष 2021 में ही महाकुम्भ का आयोजन किया जा रहा है। हरिद्वार महाकुम्भ का पहला शाही स्नान 11 मार्च 2021 को शिवरात्रि वाले दिन आयोजित होगा। कुम्भ मेले का तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल 2021 को मेष संक्रांति के अवसर पर किया जाएगा । इस बार कुम्भ में 4 शाही स्नान एवं 6 महत्वपूर्ण दिवस होंगे ।

कुंभ स्नान का महत्व :

हिंदू धर्म के अनुसार कुंभ स्नान का विशेष धार्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि, कुंभ स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है, वहीं मोक्ष भी प्राप्त होता है। कुंभ स्नान से पितृ भी शांत होते हैं और अपना आर्शीवाद प्रदान करते हैं। सभी लोगो को कुम्भ स्नान करना आवश्यक बताया गया है जिससे आत्मा एवं मन की शुद्धि होती है।

कुंभ मेला 2021 का शुभ मुहूर्त और तिथि :

  • पहला शाही स्नान : 11 मार्च शिवरात्रि

  • दूसरा शाही स्नान : 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या

  • तीसरा मुख्य शाही स्नान : 14 अप्रैल मेष संक्रांति

  • चौथा शाही स्नान : 27 अप्रैल वैशाख पूर्णिमा

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